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चित्रकूट में मंदाकिनी नदी खतरे के निशान तक पहुंची, सड़कों पर तैर रही है नाव, बाढ़ में फंसे लोगों का किया जा रहा है रेस्क्यू

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Mandakini river reaches danger mark: चित्रकूट (Chitrakoot) में बीती रात से जारी मूसलधार बारिश ने आम जनजीवन को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया है। बारिश के चलते मंदाकिनी नदी (Mandakini river) का जलस्तर तेजी से बढ़कर खतरे के निशान को छूने लगा है। नदी में उफान के कारण प्रसिद्ध रामघाट, भरत घाट समेत सभी प्रमुख घाट और आसपास का क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो चुका है। यहां की सभी दुकानें और रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि मंदाकिनी नदी में आई बाढ़ में फंसे लोगों का प्रशासन द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है।

मंदाकिनी नदी का पानी बढ़ते-बढ़ते उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा के चौराहे तक पहुंच चुका है। बाढ़ का पानी अब तेजी से आबादी वाले इलाकों की ओर फैल रहा है जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी किया गया है कि स्थानीय लोग सुरक्षित स्थानों पर कूच कर जाएं। यदि बारिश होती रही तो मंदाकिनी उफान पर आ जाएगी, जान-माल का खतरा हो सकता है इसलिए सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की जा रही है।ALSO READ: क्यों चित्रकूट को माना जाता है तीर्थों का तीर्थ, जानिए क्यों कहलाता है श्री राम की तपोभूमि

रामघाट का नजारा किसी जलप्रलय से कम नहीं : रामघाट का नजारा किसी जलप्रलय से कम नहीं है। मंदिरों की सीढ़ियां पानी में डूब चुकी हैं और घाट पर लगी नावें अब सड़कों पर बहते पानी में तैरती नजर आ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना कि 2 साल पहले भी ऐसी बाढ़ आई थी, अब वही स्थिति दोबारा हो गई है। वहीं पुरानी लंका तिराहे पर लबालब पानी में सड़कें गायब हो गई हैं। ऐसा लगता है कि नदी बह रही है, सड़क पर बाढ़ के पानी में नावें चल रही हैं।

नावों के द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे : नाविक फंसे हुए लोगों को हैं। जहां मंदाकिनी नदी में जलस्तर बढ़ कर खतरे के निशान को छू रहा है, उससे प्रशासनिक अमला चिंतित नजर आ रहा है। सभी विभागों को अलर्ट मोड पर लाया गया है। उच्चाधिकारियों खुद मौके पर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन तेज बारिश और बहाव के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं।

एनडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीमें अलर्ट पर : एनडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीमें अलर्ट पर हैं और फंसे लोगों को बाहर लाने की कवायद चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि जलप्रवाह कम होते ही आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएगा।ALSO READ: क्यों चित्रकूट को माना जाता है तीर्थों का तीर्थ, जानिए क्यों कहलाता है श्री राम की तपोभूमि

एसडीएम चित्रकूट ने जानकारी दी कि स्थिति गंभीर की तरफ बढ़ रही है लेकिन फिलहाल नियंत्रण में है। प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है और राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है। फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द रेस्क्यू करने की कोशिश जारी है।

मंदाकिनी नदी क्षेत्र के आसपास हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। यदि बारिश का यह सिलसिला लगातार चलता रहा तो बाढ़ से प्रभावित इलाकों की संख्या और भी बढ़ सकती है। वहीं प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। आपात स्थिति में तुरंत नजदीकी सहायता केंद्रों से से मदद के लिए अपील करें।

Edited by: Ravindra Gupta

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