शब्द हुए हैं खामोश,
इस मंजर को देखकर
कल्पांत कर रही आत्मा
इस करुण बेबस अनजान पर
खून खौलता है हर हिंदुस्तानी का
मन करता है की रौंद डाले इन वहशियों को
पलभर में दिया है आगाज युद्ध का इन नापाक इंसानों ने
क्यों पत्थर से भी कड़े लोहे के दिल
बना दिए दुनिया में तुमने ईश्वर
क्यूं एक बूंद ना भर दी उनके दिलों में
प्यार और कोमलता की
आसमां रो पड़े इसे देखकर
फिर क्यों तेरे सिर्फ अलग नाम के लिए,
ले ली जान एक मासूम की
ये कैसी विभत्स भक्ति उनकी की,
कई घर बर्बाद हुए कई बेचारे अपंग हुए
बिखर गई ज़िंदगी और मिले
आंसू जीवन भर के लिए
और कई मांगे सुनी हुई तो कई अनाथ हुए
लेकिन आख़िर क्यों??क्यों??
वहशियत ही हमेशा जीत जाती है
क्यों बेमूरव्वती ही नापाकी का जश्न मनाती है
तेरे घर में इतनी देर क्यों हो जाती है
हे ईश्वर की इंसा के विश्वास की
तुझ पर रहने वाली लड़ी हरदम टूट सी जाती है
नर संहार करने वाले उन दरिंदों को
सजा देकर अपने भक्तों की आस्था तुम बनाए रखना
जो जिंदगियां इस वक्त रो रही है खून के आंसू,
उन्हें दुख सहने की तुम शक्ति देना।
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
You may also like
'ज्ञान पोस्ट' के जरिए हर व्यक्ति तक पहुंचेगी शिक्षा : ज्योतिरादित्य सिंधिया
आईपीएल के इतिहास में 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने एक साथ ध्वस्त कर दिए इतने रिकॉर्ड
Family ID Verification 2025: फैमिली आईडी को तुरंत कराएं अपडेट, वरना रुक सकते हैं सरकारी लाभ
युवक की गोली मारकर हत्या, घंटों सड़क जाम
मोतिहारी में 2 लाख रिश्वत लेते कार्यपालक अभियंता गिरफ्तार