एक बार रास्ते से जाते समय चिंटू का पांव केले के छिलके पर पड़ गया,
और
वो फिसल कर गिर गया।
....
चिंटू उठा...
और आगे चलने लगा,
...
तो उसका पैर दूसरे छिलके पर पड़ा,
...और
फिर फिसल कर गिर गया।
....
अब चिंटू पुन: उठा और...
थोड़ा आगे तक चला,
उसे तभी एक और छिलका दिख गया।
....
चिंटू रोने लगा और
रोते-रोते बोल पड़ा-
धत तेरे की,
अब तीसरी बार भी फिसलना पड़ेगा क्या?
हा...हा...हा...
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