सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतज़ार अब खत्म होने वाला है. हर वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, भत्तों और पेंशन को नए सिरे से परिभाषित करता है, और इस बार भी बड़े बदलाव की उम्मीद है. आइए, जानते हैं कि 7वें और 8वें वेतन आयोग में क्या अंतर होगा और कर्मचारियों की जेब में कितना पैसा आएगा.
7वां वेतन आयोग: कब और कैसे बदली थी तस्वीर?लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं. इसने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी थी. इसमें 19 स्तरों का पे मैट्रिक्स लाया गया, ताकि वेतन में पारदर्शिता बढ़े. न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह किया गया. फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय हुआ, यानी पुरानी सैलरी को इस अनुपात से गुणा करके नई सैलरी तय की गई. पेंशन में भी सुधार हुआ और न्यूनतम पेंशन 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हो गई.
पे मैट्रिक्स ने कैसे किया कमाल?बैंक बाजार की रिपोर्ट के अनुसार, 7वें वेतन आयोग में स्तर के हिसाब से वेतन तय हुआ. लेवल-1 पर शुरुआती वेतन 18,000 रुपये था, लेवल-7 पर 44,900 रुपये और लेवल-18 पर अधिकतम 2,50,000 रुपये तक पहुंचता था. इस सिस्टम ने कर्मचारियों को साफ और स्थायी वेतन ढांचा दिया, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ.
8वां वेतन आयोग: क्या हैं उम्मीदें?नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक, सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग को हरी झंडी दे दी है. हालांकि, इसे लागू होने की सटीक तारीख अभी तय नहीं है. माना जा रहा है कि यह 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, लेकिन परिस्थितियों के आधार पर 2027 तक टलने की भी आशंका है. अगर देरी हुई, तो कर्मचारियों को बकाया (एरियर्स) के रूप में वेतन का अंतर मिल सकता है.
फिटमेंट फैक्टर और सैलरी में बढ़ोतरीरिपोर्ट्स की मानें तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.86 के बीच रह सकता है. अगर किसी कर्मचारी का मौजूदा मूल वेतन लेवल-1 पर 18,000 रुपये है, तो यह बढ़कर 32,940 रुपये से 44,280 रुपये तक हो सकता है. अनुमान है कि इस बार सैलरी में 40 से 50% तक की बढ़ोतरी हो सकती है. न्यूनतम वेतन 34,500 रुपये से 41,000 रुपये तक पहुंचने की संभावना है, जो कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत होगी.
भत्तों और पेंशन में क्या बदलेगा?8वां वेतन आयोग सिर्फ सैलरी तक सीमित नहीं रहेगा. इसमें डीए (महंगाई भत्ता), एचआरए (मकान किराया भत्ता) और ट्रांसपोर्ट अलाउंस की समीक्षा होगी. संभावना है कि डीए को रीसेट करके मूल वेतन में जोड़ दिया जाए, जिससे पेंशन के लाभ लंबे समय तक बने रहें. साथ ही, प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन (परफॉर्मेंस बेस्ड इन्सेंटिव्स) की व्यवस्था भी शुरू हो सकती है, जो कर्मचारियों को और प्रोत्साहित करेगी.
तकदीर बदलने वाला होगा 8वां वेतन आयोग7वां वेतन आयोग अपने समय में कर्मचारियों के लिए बड़ा बदलाव लाया था, लेकिन 8वें वेतन आयोग से उम्मीदें और भी बड़ी हैं. सैलरी में बढ़ोतरी, भत्तों में सुधार और पेंशन में लंबे समय तक लाभ की उम्मीद है. अगर यह 2026 में लागू होता है, तो सरकारी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी. यह आयोग न सिर्फ कर्मचारियों की जेब भरेगा, बल्कि उनकी जिंदगी को और आसान बनाएगा.
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