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पेट में मचाई तबाही! तेजी से फैल रहा है स्टमक फ्लू, जानें बचाव के आसान उपाय

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पेट की समस्याएं अक्सर हमें परेशान करती हैं, लेकिन जब बात ‘स्टमक फ्लू’ की हो, तो इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। स्टमक फ्लू, जिसे चिकित्सकीय भाषा में गैस्ट्रोएंटेराइटिस कहते हैं, एक ऐसी स्थिति है जो पेट और आंतों को प्रभावित करती है। यह रोग बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है। आइए, इस लेख में हम स्टमक फ्लू के लक्षण, कारणों और इससे बचने के आसान उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं, ताकि आप और आपका परिवार इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें।

स्टमक फ्लू क्या है?

स्टमक फ्लू कोई साधारण पेट दर्द नहीं है। यह एक वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। इसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह पेट (गैस्ट्रो) और आंतों (एंटेराइटिस) में सूजन पैदा करता है। यह रोग आमतौर पर नोरोवायरस, रोटावायरस या कुछ बैक्टीरिया जैसे ई. कोलाई और साल्मोनेला के कारण होता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो दूषित भोजन, पानी या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकती है।

स्टमक फ्लू के लक्षण

स्टमक फ्लू के लक्षण अचानक शुरू हो सकते हैं और कुछ ही घंटों में आपको परेशान कर सकते हैं। सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन, बुखार और थकान। कुछ लोगों को सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। बच्चों में ये लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं, जिसके कारण निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको या आपके बच्चे को लगातार उल्टी या दस्त हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

स्टमक फ्लू के कारण

इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण दूषित भोजन या पानी का सेवन है। इसके अलावा, यह रोग उन लोगों में भी फैल सकता है जो स्वच्छता का ध्यान नहीं रखते, जैसे कि खाना खाने से पहले हाथ न धोना। वायरस या बैक्टीरिया से संक्रमित सतहों को छूने और फिर मुंह को हाथ लगाने से भी यह बीमारी हो सकती है। बच्चों में रोटावायरस और बड़ों में नोरोवायरस इस रोग के प्रमुख कारण हैं। मौसमी बदलाव, खासकर बरसात के मौसम में, इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

स्टमक फ्लू से बचाव के उपाय स्वच्छता है पहला कदम

स्टमक फ्लू से बचने के लिए स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण है। खाना खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद हमेशा साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं। बच्चों को भी इस आदत को अपनाने के लिए प्रेरित करें। बासी या बाहर का खाना खाने से बचें, क्योंकि दूषित भोजन इस बीमारी का प्रमुख कारण हो सकता है।

सुरक्षित पानी और भोजन

हमेशा शुद्ध और उबला हुआ पानी पिएं। अगर आप बाहर हैं, तो बोतलबंद पानी का उपयोग करें। खाना पकाने से पहले सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धो लें। रेस्तरां में खाना खाते समय यह सुनिश्चित करें कि भोजन ताजा और अच्छी तरह पकाया गया हो।

इम्यूनिटी को मजबूत करें

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए संतुलित आहार लें। विटामिन सी और जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे संतरा, नींबू, पालक और नट्स, आपके शरीर को इस तरह के संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं। पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम भी आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।

बच्चों का विशेष ध्यान

बच्चों में स्टमक फ्लू का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। बच्चों को रोटावायरस वैक्सीन देना एक प्रभावी उपाय है। इसके अलावा, उनके खाने-पीने की चीजों को साफ और सुरक्षित रखें।

क्या करें अगर स्टमक फ्लू हो जाए?

अगर आपको स्टमक फ्लू के लक्षण दिखें, तो सबसे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय, जैसे ओआरएस (Oral Rehydration Solution), पिएं। यह निर्जलीकरण को रोकने में मदद करता है। हल्का और सुपाच्य भोजन, जैसे खिचड़ी, दलिया या केला, खाएं। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें, खासकर एंटीबायोटिक्स। अगर लक्षण तीन दिन से ज्यादा बने रहें या गंभीर हों, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

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