ईसरदा बांध में होगा पहली बार ओवरफ्लो जल का संग्रहण, अजमेर सहित कई जिलों के बांध लबालब
अजमेर, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान के प्रमुख जलस्रोत बीसलपुर बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह अपनी पूर्ण भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर के करीब पहुंच गया है। सोमवार सुबह 6 बजे बांध का गेज 315.17 मीटर रिकॉर्ड किया गया, और त्रिवेणी पर बह रही सवा तीन मीटर ऊंची पानी की चादर को देखते हुए बांध में पानी की आवक लगातार बनी हुई है। बांध की स्थिति को देखते हुए बनास नदी के दोनों किनारों पर बसे 54 गांवों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। बीसलपुर परियोजना प्रबंधन ने ग्रामीणों को बनास नदी के बहाव क्षेत्र से दूर रहने, नदी में पशु या वाहन प्रवेश से बचने और रपटों पर अनावश्यक आवाजाही न करने की अपील की है।
ईसरदा बांध में पहली बार होगा जल संग्रहण
इस बार बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो होने का विशेष महत्व है, क्योंकि इसका अतिरिक्त जल 90 किलोमीटर दूर टोंक जिले के बनेठा गांव में नवनिर्मित ईसरदा बांध में संग्रहित किया जाएगा। ईसरदा बांध, बीसलपुर के डाउनस्ट्रीम में स्थित है और इसका निर्माण राम जल सेतु परियोजना के अंतर्गत हुआ है।
जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर (जनरल) भुवन भास्कर ने बताया कि 30 जुलाई से ईसरदा बांध में जल संग्रहण शुरू किया जाएगा। तब तक यदि बीसलपुर से पानी छोड़ा गया, तो उसे फिलहाल बाहर निकालना पड़ेगा। उन्होंने इसे राज्य सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया, जिससे दौसा जिले के 1,000 से अधिक गांवों और सवाई माधोपुर के 177 गांवों को पेयजल मिल सकेगा।
2023 की तुलना में अधिक बारिश, बांध और तालाब लबालब
राज्य में इस वर्ष अब तक हुई वर्षा पिछले साल की तुलना में 57.03 प्रतिशत अधिक है। अजमेर जिले में औसतन 420.38 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जिले के विभिन्न इलाकों में वर्षा का आंकड़ा इस प्रकार रहा:
अजमेर शहर – 576 मिलीमीटर
बुढ़ा पुष्कर – 478 मिलीमीटर
नसीराबाद – 818 मिलीमीटर
गोयला – 582 मिलीमीटर
भिनाय – 469 मिलीमीटर
अन्य स्थानों पर भी 300 से 500 मिलीमीटर तक वर्षा दर्ज की गई है।
अजमेर जिले के प्रमुख जलाशय भी ओवरफ्लो
बारिश का असर जिले के जलस्रोतों पर भी साफ दिख रहा है। कई बांध और जलाशय पूरी तरह भर चुके हैं और ओवरफ्लो हो रहे हैं। प्रमुख स्थिति इस प्रकार है:
लसाड़िया, रामसर, मदन सरोवर, बिसुन्दनी, आनासागर, ताज सरोवर, पारा प्रथम व द्वितीय, फायसागर सहित अधिकांश जलाशय ओवरफ्लो हो चुके हैं।
नाहर सागर (2.95 मीटर), शिवसागर (16 फीट 6 इंच), लोरडी सागर (5 फीट 2 इंच) में भी जलभराव संतोषजनक स्तर पर है।
खतरे की आशंका नहीं, पर सतर्कता जरूरी
हालांकि विभाग ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसी बड़े खतरे की स्थिति नहीं है, फिर भी नदी किनारे के गांवों में सतर्कता बरतना आवश्यक है। अधिकारियों द्वारा बांधों की निगरानी चौबीसों घंटे की जा रही है और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयारियां पूरी हैं।
उल्लेखनीय है कि बीसलपुर बांध से जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों के एक करोड़ से अधिक लोगों को पेयजल आपूर्ति की जाती है। इस बांध का सुरक्षित संचालन और पानी का विवेकपूर्ण प्रबंधन राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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(Udaipur Kiran) / संतोष
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