गोरखपुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . विकास भवन सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी दीपक मीणा ने विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. बैठक में सीएम डैशबोर्ड, जिला अनुश्रवण पुस्तिका तथा विभिन्न विभागों की योजनाओं की स्थिति पर विस्तृत चर्चा हुई.
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की प्राथमिकता वाले विकास कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता स्वीकार्य नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने कार्यों की प्रगति समयबद्ध ढंग से पूरी करें और पारदर्शिता बनाए रखें.
इस दौरान जिलाधिकारी ने पशु चिकित्सा अधिकारी को विशेष रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में बन रहे गौ-आश्रय स्थलों का हम स्वयं निरीक्षण करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गौ-आश्रय स्थल निर्धारित मानकों के अनुरूप बन रहे हैं तथा वहां पर गोवंश के लिए उचित व्यवस्था उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि गौवंश की देखभाल शासन की प्राथमिकता में है और इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी.
जिलाधिकारी ने कहा कि गौशालाओं में पर्याप्त चारा, पानी और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए. पशु चिकित्सा विभाग यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक आश्रय स्थल पर नियमित रूप से पशु चिकित्सक की विजिट दर्ज हो और गोवंश के स्वास्थ्य की निगरानी की जाए.
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी, डीएफओ विकास यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा, परियोजना निदेशक दीपक सिंह, डीपीआरओ निलेश सिंह, जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा, एसीएम द्वितीय राजू कुमार सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे.
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि गोरखपुर जनपद के समग्र विकास के लिए सभी विभाग परस्पर समन्वय के साथ कार्य करें. शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यही हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी तथा जिन विभागों की कार्यप्रणाली संतोषजनक नहीं पाई जाएगी, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
अंत में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से कहा कि गोरखपुर जनपद को आदर्श जनपद बनाने के लक्ष्य की दिशा में सभी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करें.
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय






