उज्जैन,5 जुलाई (Udaipur Kiran) । विक्रम विश्वविद्यालय एवं वेणु निनाद नृत्य संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ हो चुका है। यहां पहले दिन पुराविद डॉ. रमण सोलंकी अतिथि थे। उन्होंने कहा कि भरत मुनि जी की नृत्य स्थली तपोभूमि रही है अवंतिका महाजनपद । नाट्यशास्त्र के रचयिता भरत मुनि का मध्य प्रदेश के अवंती का परिक्षेत्र से बड़ा प्राकृतिक परिचय था। उन्होंने अवंती के रमणीय स्थलों के रूबरू अपने शास्त्र में उल्लेख किए हैं ।
डॉ. सोलंकी ने गत दिवस कहा कि नाट्यशास्त्र के रचयिता भरत मुनि का मध्य प्रदेश के अवंती का परिक्षेत्र से बड़ा प्राकृतिक परिचय था। उन्होंने अवंती के रमणीय स्थलों के रूबरू अपने शास्त्र में उल्लेख किए हैं और स्थापत्य मूर्तियां अंकन नाटक की विधाओं तथा अपनी रचनाओं में अवंती के परिक्षेत्र और उसकी भौगोलिक स्थिति शिप्रा की कल कल बहते जल के समान वर्णन को रचा है ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीआईजी नवनीत भसीन ने अपने उद्बोधन में भविष्य की पीढ़ी को अवगत कराया कि हमारी प्राचीन परंपराओं में नाट्य शास्त्र महत्वपूर्ण पारिवारिक परिवेश को लेकर था । वेणू नाद निनाद नृत्य संस्था उज्जैन और विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय नृत्य महोत्सव गुरु पूजन के अवसर पर इंजीनियरिंग अध्ययनशाला में प्रारंभ हुआ है । संस्था की निर्देशिका डॉ. पलक पटवर्धन एवं डॉ. अजय शर्मा, डाॅ.अमृता शुक्ला, डॉ. नेहा सिंह, डॉ. महेंद्र पड्या उपस्थित रहे ।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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