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किसानों को रबी फसलों के लिये मिले पर्याप्त पानी : मंत्री सिलावट

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– मंत्री सिलावट ने ली बाँध सुरक्षा संबंधी बैठक, कहा-प्रदेश के जलाशयों में जल-भराव की स्थिति बहुत अच्छी

भोपाल, 10 नवम्बर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि किसानों को रबी की फसलों की सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी मिले, यह सुनिश्चित किया जाये. प्रदेश में रबी फसलों के लिये आगामी 15 नवम्बर से पानी छोड़ा जायेगा. इसके पूर्व जल-स्रोतों, नहरों आदि की मरम्मत का कार्य अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाये, जिससे डाउन स्ट्रीम के हर किसान के खेत तक पानी पहुँच सके. इस बार प्रदेश के जलाशयों में जल-भराव की स्थिति बहुत अच्छी है. प्रदेश के प्रमुख 286 जलाशयों में औसत जल-भराव 97 प्रतिशत है.

जल संसाधन मंत्री सिलावट ने Monday को मंत्रालय में बाँध सुरक्षा संबंधी बैठक में ये निर्देश दिये. बैठक में अपर मुख्य सचिव जल संसाधन राजेश राजौरा, प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा, मुख्य अभियंता बोधी परियोजना आर.डी. अहिरवार एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.

मंत्री सिलावट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा Madhya Pradesh को 3 बड़ी परियोजनाएँ केन-बेतवा, पार्वती-कालीसिंध-चंबल और मेगा ताप्ती दी गईं हैं. Chief Minister डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में निरंतर सिंचाई का रकबा बढ़ रहा है. उन्होंने निर्देश दिये कि जो अंतर्राज्यीय योजनाएँ लंबित हैं, उनके समाधान के विषय में प्रयास करें. आरआरआर (रिपेयर, रिनोवेशन और रेस्टोरेशन) एवं ईआरएम (एक्सटेंशन, रिनोवेशन एण्ड मोडर्नाइजेशन)योजनाओं संबंधी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को तैयार कर भिजवाये जायें.

बाँधों की सुरक्षा के लिये आईआईटी दिल्ली एवं रुढ़की के साथ होगा एमओयूमंत्री सिलावट ने कहा कि सरकार के लिये बाँधों की सुरक्षा उच्च प्राथमिकता है. इस संबंध में मध्यप्रदेश सरकार शीघ्र ही आईआईटी रुढ़की और आईआईटी दिल्ली के साथ एमओयू करेगी. प्रदेश में गाँधी सागर बाँध की सुरक्षा के दृष्टिगत 29 करोड़ 41 लाख रुपये की लागत से बाँध सुदृढ़ीकरण कार्यों के लिये निविदा की जा चुकी है और कार्य प्रगतिरत है. बाँध सुरक्षा अधिनियम-2021 के अंतर्गत समस्त निर्दिष्ट बाँधों का फ्लड रिव्यू, बाँधों पर इंस्ट्रूमेंटेशन और अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाये जाने का कार्य किया जायेगा. इसके लिये प्रदेश के 1365 बाँधों को चिन्हित किया गया है.

मंत्री सिलावट ने निर्देश दिये कि जल-संरचनाओं में वर्षा उपरांत किये जाने वाले कार्य बाँधों के स्लूस गेटों एवं सेंट्रल स्पिलवे के गेटों का संचालन, नहरों पर आवागमन के लिये बनाये गये रास्तों का सुधार, नहरों पर बनाये गये ऐस्केप को बंद करना आदि सुनिश्चित करें. क्षतिग्रस्त जल-स्रोतों की मरम्मत, गाद की सफाई और नहरों पर बने स्ट्रक्चर – पुलिया, फॉल, साइफन, एक्वाडक्ट आदि की सफाई और मरम्मत कराई जाये.

मंत्री सिलावट ने कहा कि रबी फसल के लिये पानी छोड़े जाने के संबंध में जिला जल उपभोक्ता समितियों की बैठकें आयोजित की जायें और इस संबंध में जनता एवं जन-प्रतिनिधियों से संवाद किया जाये. किसानों को राज्य सरकार की सिंचाई कर पर ब्याज दर में छूट योजना का पूरा लाभ दिया जाये.

सिंहस्थ संबंधी कार्यों को युद्ध स्तर पर करें पूरामंत्री सिलावट ने निर्देश दिये कि सिंहस्थ-2028 के कार्यों को युद्ध स्तर पर किया जाये और इन्हें वर्ष 2027 तक पूरा किया जाये. राज्य सरकार का संकल्प है कि सिंहस्थ में शिप्रा नदी के शुद्ध जल में श्रद्धालु स्नान-आचमन करें. वर्तमान में उज्जैन में विभाग के 3 कार्य – सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी, खान डायवर्जन और घाटों के निर्माण का कार्य प्रगतिरत है. इन सभी कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये.

प्रदेश के बेसिन में जल-भराव की स्थितिप्रदेश में इस बार अच्छी बारिश के चलते सभी 10 बेसिन में जल-भराव की स्थिति बहुत अच्छी है. नर्मदा बेसिन में सर्वाधिक 99.83 प्रतिशत, माही बेसिन में 98.67 प्रतिशत, बेतवा बेसिन में 97.99 प्रतिशत, सिंध बेसिन में 97.63 प्रतिशत, गंगा बेसिन में 97.19 प्रतिशत, चंबल बेसिन में 95.97 प्रतिशत, वेनगंगा बेसिन में 95.48 प्रतिशत, यमुना बेसिन में 95 प्रतिशत, ताप्ती बेसिन में 89.23 प्रतिशत और धसान बेसिन में 86.60 प्रतिशत जल-भराव हुआ है.

(Udaipur Kiran) तोमर

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