गोरखपुर, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Saturday को सदर तहसील सभागार में आयोजित तहसील समाधान दिवस में जिलाधिकारी दीपक मीणा और वरिष्ठ Superintendent of Police राजकरन नय्यर ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता करते हुए फरियादियों की समस्याएं सुनीं. कुल 105 फरियादियों ने अपनी शिकायतें प्रस्तुत कीं, जिनमें से 16 मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया.
जिलाधिकारी ने कहा कि तहसील दिवस में आने वाले प्रत्येक आवेदन पर प्रार्थना पत्र संख्या दर्ज करना आवश्यक है, ताकि आगे उसकी कार्यवाही का ट्रैक रखा जा सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सिर्फ खाना-पूर्ति नहीं बल्कि प्रभावी समाधान सुनिश्चित किया जाए.
फरियादियों की समस्याएं और तत्काल कार्रवाई
नमिता पटेल नामक महिला ने बताया कि उनकी पुत्री की जन्मतिथि विद्यालय में गलत दर्ज हो गई है — सही तिथि 19 फरवरी 2012 की जगह 4 अप्रैल 2013 दर्ज कर दी गई है. इस पर डीएम दीपक मीणा ने मौके पर मौजूद बीएसए रामेंद्र सिंह को बुलाकर तत्काल सुधार कराने के निर्देश दिए.
नगर पंचायत पिपराइच निवासी विकास पासवान ने बताया कि महमूदाबाद में आराजी नंबर 1568 में साढ़े चार डिसमिल जमीन खरीदी थी, लेकिन रोड चौड़ीकरण में उसकी जमीन निकल रही है और स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही. इस पर डीएम ने राजस्व विभाग को रिपोर्ट तैयार कर पारदर्शी ढंग से जानकारी देने के निर्देश दिए.
धोसीपुरवा निवासी सरफुद्दीन ने कहा कि आराजी नंबर 211 में उनकी जमीन के बैनामे में पिता का नाम त्रुटिवश गलत दर्ज हो गया है. डीएम ने नाम संशोधन की कार्यवाही तत्काल करने के आदेश दिए.
जंगल धूषंड निवासी सुमित्रा देवी ने खेत के खाता एक साथ होने से बार-बार विवाद की शिकायत की. डीएम ने कहा कि सीमांकन कर खाते अलग करने की कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में विवाद न हो.
Jharkhandी निवासी बिंदु देवी ने बताया कि वर्ष 2010 में खरीदी गई जमीन को भू-माफिया ओमप्रकाश पांडेय ने कई लोगों को पुनः बेच दिया. उन्होंने बताया कि Chief Minister के आदेश पर पहले इस पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई हुई थी, लेकिन 25 जुलाई 2025 को हाईकोर्ट ने उसे खत्म कर दिया. उन्होंने पुनः गैंगस्टर की कार्रवाई की मांग की. इस पर एसएसपी राजकरन नय्यर ने मामले की समीक्षा कर आवश्यक कानूनी कदम उठाने का आश्वासन दिया.
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी अपने-अपने प्रार्थना पत्रों का निस्तारण समयबद्ध रूप से करें और उसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराएं. उन्होंने यह भी कहा कि तहसील दिवस केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह जनता को न्याय दिलाने का माध्यम है.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक आवेदन पर नंबर अंकित होना चाहिए, ताकि आगे जांच में पता चल सके कि कितने दिनों में समाधान हुआ. डीएम ने निर्देश दिया कि जो आवेदन तत्काल निस्तारित नहीं हो सकते, उनके बारे में अगली बैठक में स्थिति स्पष्ट रूप से बताई जाए.
तहसील समाधान दिवस में सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी, सीएमओ डॉ. राजेश झा, एसओसी प्रशासन धर्मेंद्र मिश्रा, जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा, एसडीएम सदर दीपक गुप्ता, डिप्टी कलेक्टर/तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह, सीओ कोतवाली ओमकार दत्त तिवारी, बीडीओ आसिफ अली, डीआईओएस अमरकांत सिंह, बीएसए रामेंद्र सिंह, डीएसओ रामेंद्र प्रताप सिंह सहित सभी जिलास्तरीय अधिकारी, नायब तहसीलदार, कानूनगो व लेखपाल मौजूद रहे.
डीएम और एसएसपी ने फरियादियों को भरोसा दिलाया कि उनकी शिकायतों का न्यायसंगत और पारदर्शी समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुन रहा है और प्रत्येक फरियादी को न्याय दिलाना शासन की प्राथमिकता है.
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
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