कोरबा 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण योजना के तहत अब ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी विषय विशेषज्ञ शिक्षक मिलने लगे हैं। इसी क्रम में कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के वनांचल क्षेत्र मांचाडोली स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जीव विज्ञान विषय की शिक्षिका श्रीमती राजमणि टोप्पो की पदस्थापना की गई है।
विद्यालय में लंबे समय से जीव विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय की विशेषज्ञ शिक्षक की कमी महसूस की जा रही थी। पहले विज्ञान के अन्य शिक्षक ही यह विषय पढ़ाते थे, जिससे बच्चों को विषय की जटिल अवधारणाओं, संरचनात्मक चित्रों, जैविक क्रियाओं, हार्मोन, कोशिका-विज्ञान आदि को समझने में कठिनाई होती थी। विद्यालय में अब शिक्षिका राजमणि टोप्पो के आगमन से विद्यार्थियों को जीव विज्ञान विषय की बारीकियों को समझना सरल हो गया है। शिक्षिका ने कक्षा में चार्ट, मॉडल और उदाहरणों के माध्यम से जटिल विषयों को इस तरह से समझाना शुरू किया कि अब विद्यार्थी न सिर्फ रुचि लेने लगे हैं, बल्कि हर दिन कुछ नया जानने की जिज्ञासा भी उनमें बढ़ रही है।
12वीं जीव विज्ञान के छात्र दीक्षांत दास मानिकपुरी ने कहा मैडम के आने से जीव विज्ञान विषय आसान हो गया है। पहले हम कोशिका, डीएनए, आरएनए, हार्मोन जैसे शब्दों के अर्थ को समझने में उलझे रहते थे। अब शरीर की बनावट, शारीरिक अंगों के क्रियाकलाप को बेहतर समझ पा रहे है। पादप, जंतु और सूक्ष्म जीवों के सरंचनाओं की समझ बढ़ी है। अब हम उन्हें समझने की कोशिश करते हैं। विषय विशेषज्ञ शिक्षिका के आने से कक्षा की सोच बदल गई है। अब हम सभी डॉक्टर, वैज्ञानिक बनने के लिए प्रोत्साहित हो रहे है।
इसी प्रकार छात्रा नंदनी यादव बताती हैं की पहले हमें जीव विज्ञान विषय की विविधताओं को समझने में बहुत दिक्कत होती थी, लेकिन अब राजमणि मैडम हर टॉपिक को इतने सरल तरीके से समझाती हैं कि हमें रुचि आने लगा है। अब चित्र बनाना, समझना और याद रखना आसान हो गया है। छात्रा यास्मीन खातून ने मुस्कराते हुए कहा मैडम हमें हमेशा प्रेरित करती हैं कि हम प्रश्न पूछें। पहले हम चुप रहते थे, अब हम खुद से पढ़ते हैं और प्रश्न करते हैं। शिक्षिका के आने से पढ़ाई में अधिक रुचि बढ़ी है।
शिक्षिका सुश्री राजमणि टोप्पो ने बताया बच्चों में सीखने की इच्छा बहुत है, बस उन्हें सही दिशा और सरल भाषा में समझ की जरूरत होती है। मैंने प्रयास किया कि हर टॉपिक को रोजमर्रा की चीजों से जोड़कर समझाया जाए। बच्चों का आत्मविश्वास देखकर मुझे भी बहुत संतोष हो रहा है।
विद्यालय के प्राचार्य के. आर. भारद्वाज ने कहा कि विषय विशेषज्ञ शिक्षिका की नियुक्ति से विद्यार्थियों की न केवल पढ़ाई में रुचि बढ़ी है, बल्कि परीक्षा परिणामों में भी सुधार आने की उम्मीद है। अब बच्चे जीव विज्ञान को सिर्फ एक विषय नहीं, बल्कि समझने और सोचने का माध्यम मानने लगे है। शासन की यह पहल मांचाडोली और आसपास के गांवों के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए एक नई रौशनी लेकर आया है।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
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