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शिमला : नवोदय लैब अटेंडेंट परीक्षा में नकल गिरोह का भंडाफोड़, 40 गिरफ्तार, एसआईटी गठित

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शिमला, 18 मई . नवोदय विद्यालय समिति द्वारा लैब अटेंडेंट भर्ती परीक्षा रविवार को शिमला शहर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में आयोजित की गई. चौंकाने वाली बात यह है कि इस परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर नकल और अनुचित साधनों के इस्तेमाल का मामला सामने आया है. शिमला पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चार अलग-अलग थानों में पांच एफआईआर दर्ज की हैं और अब तक 40 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. सभी आरोपी बाहरी राज्यों से हैं और ज्यादातर हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं. इनके खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के तहत कार्रवाई की जा रही है.

जांच में सामने आया है कि आरोपियों द्वारा परीक्षा में ब्लूटूथ जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर नकल करने की साजिश रची गई थी. यह सुनियोजित और संगठित अपराध की तरह अंजाम दिया गया तथा तकनीक का दुरुपयोग करते हुए परीक्षार्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई. शिमला पुलिस ने इस पूरे प्रकरण पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. इसकी कमान शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) रतन नेगी को सौंपी गई है. एसआईटी में कुल आठ पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया है. एसआईटी इस पूरे नेटवर्क की परतें खोलने का काम करेगी.

पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नकल कराने वाला यह पूरा गिरोह हरियाणा से संचालित हो रहा था. आरोपी सुनियोजित तरीके से शिमला पहुंचे और स्थानीय केंद्रों में परीक्षा देने के लिए बैठ गए. परीक्षा के दौरान उनके पास छिपे हुए ब्लूटूथ डिवाइस बरामद किए गए हैं. इनके जरिए उन्हें बाहर से उत्तर उपलब्ध करवाए जा रहे थे. कई केंद्रों पर परीक्षकों को परीक्षार्थियों की संदिग्ध गतिविधियां नजर आईं. इसके बाद तत्काल पुलिस को सूचित किया गया.

आरोपियों के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर में सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 की धाराएं 10 और 11 लगाई गई हैं. इस मामले में सदर थाने के तहत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसी तरह ढली थाने में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. न्यू शिमला थाने में आठ आरोपियों और छोटा शिमला थाने में दर्ज दो एफआईआर—में 13 आरोपी पकड़े गए हैं. इस तरह कुल 40 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है.

जानकारी अनुसार यह गिरोह परीक्षा से पहले ही हरियाणा व अन्य राज्यों से शिमला आ चुका था और स्थानीय होटलों व गेस्ट हाउसों में रुका हुआ था. परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने से पहले ही उनके पास तकनीकी उपकरण छुपाए जा चुके थे. इस पूरे नेटवर्क में शामिल लोगों की भूमिका और उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है. एसआईटी अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस रैकेट के पीछे और कौन-कौन लोग हैं और क्या इसमें कोई स्थानीय मदद भी शामिल थी तथा क्या यह गिरोह अन्य राज्यों में भी इसी तरह की परीक्षाओं में धांधली करता रहा है.

इस पूरे घटनाक्रम पर एसपी संजीव गांधी ने कहा है कि मामले की तह तक जाने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि एसआईटी की जांच में यदि किसी भी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता सामने आती है तो उसके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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/ उज्जवल शर्मा

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