-केन्द्र सरकार के गृह सचिव गोविन्द मोहन ने भोंडसी में दीक्षांत समारोह में कही यह बात
-परेड के साथ ही 783 नवप्रशिक्षित सिपाही हुए हरियाणा पुलिस में शामिल
गुरुग्राम, 28 जून (Udaipur Kiran) । केन्द्र सरकार के गृह सचिव गोविन्द मोहन ने कहा कि पुलिस बल में शामिल होना केवल एक पेशा नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व और सेवा भाव की भावना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को प्रशिक्षुओं ने गहनता से समझा है। इन्हें भविष्य में प्रभावी रूप से लागू करेंगे। यह बात उन्होंने हरियाणा पुलिस प्रशिक्षण केंद्र भोंडसी में आयोजित भव्य दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने हरियाणा पुलिस बल में शामिल हुए सभी 783 सिपाहियों को निष्ठा से ड्यूटी करने के लिए प्रेरित किया।
हरियाणा पुलिस प्रशिक्षण केंद्र भोंडसी में शनिवार को आयोजित भव्य दीक्षांत समारोह में 783 प्रशिक्षु सिपाही (264 महिला व 519 पुरुष) ने विधिवत रूप से प्रशिक्षण पूर्ण कर हरियाणा पुलिस बल में अपनी सेवा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं ने अनुशासन, पराक्रम और समर्पण का परिचय देते हुए देश सेवा की शपथ ली। मुख्य अतिथि गोविन्द मोहन ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली और नवप्रशिक्षित जवानों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। इस गौरवपूर्ण परेड की कमान महिला प्रशिक्षु सिपाही रेणु ने संभाली, जो महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं।
गोविन्द मोहन ने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों को अनुशासित, मानसिक रूप से सशक्त और तकनीकी रूप से दक्ष होना चाहिए।
एक पीएचडी, दो एलएलबी, आठ एमबीए, तीन एमटेक सिपाही
हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि इस बैच में शामिल 783 सिपाहियों में से 718 ग्रामीण क्षेत्रों और 65 शहरी क्षेत्रों से चयनित हैं। भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है। इनमें से अनेक सिपाही उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। इस बैच में एक पीएचडी, दो एलएलबी, आठ एमबीए, तीन एमटेक, 34 बीटेक, छह एमसीए, आठ बीसीए, 31 बीएड सहित 201 प्रशिक्षु स्नातकोत्तर स्तर के हैं। यह दर्शाता है कि हरियाणा पुलिस में अब शिक्षित और जागरूक युवा सेवा दे रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान इन जवानों को तीनों नए कानूनों के अतिरिक्त स्थानीय व विशेष कानूनों, स्वचालित हथियारों, टेलिकम्युनिकेशन, फायर फाइटिंग, आपदा प्रबंधन, फस्र्ट एड, योग, लैंगिक संवेदनशीलता एवं मानवाधिकार जैसे विषयों पर व्यवहारिक और सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया गया।
(Udaipur Kiran)
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