गाजियाबाद, 02 सितम्बर (Udaipur Kiran) । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड बैठक मंगलवार को मेरठ में मंडलायुक्त व जीडीए अध्यक्ष डॉ. हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में हुई। जिसमें कुल 16 प्रस्ताव रखे गए। जिनमें कई ऐतिहासिक निर्णयों पर मुहर लगी। बोर्ड बैठक की सबसे बड़ी उपलब्धि लम्बे समय से अटकी मधुबन-बापूधाम योजना को लेकर रही।
वर्ष 2004 से चली आ रही भूमि जुटाव की दिक्कतों, किसानों के विरोध और न्यायालयी अड़चनों के बाद आखिरकार समाधान का रास्ता निकाल लिया गया है। प्रभावित कृषकों को अब 6 प्रतिशत विकसित भूमि और उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित 20 प्रतिशत भूखण्ड दिए जाएंगे। साथ ही, श्मशान के निकट आवंटित भूखण्डों को अन्यत्र स्थानांतरित कर योजना के मानचित्र में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। यह फैसला न सिर्फ वर्षों पुरानी समस्या को समाप्त करेगा बल्कि किसानों और आवंटियों दोनों को राहत देगा। बोर्ड के इस निर्णय के बाद प्राधिकरण लॉटरी के माध्यम से किसानो को विकसित भूखंड देना प्रारम्भ करेगा, जो इतने वर्षो की रुकी परियोजना मे जान डाल कर पुनः जीवित कर लगभग 4000 करोड़ की परिसंपत्तियों को अनलॉक करेगा।
बैठक के बाद जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि गाजियाबाद की औद्योगिक पहचान को और मजबूत करने के लिए ग्राम सैदपुर हुसैनपुर डीलना में लगभग 251 हेक्टेयर भूमि पर अत्याधुनिक औद्योगिक टाउनशिप-सह-लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने का निर्णय लिया गया। इससे न केवल निवेश को नई दिशा मिलेगी बल्कि हज़ारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इसी तरह शहर की बढ़ती जनसंख्या और आवासीय मांग को देखते हुए बोर्ड ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया। लगभग बीस वर्ष बाद गाजियाबाद को नई आवासीय योजना ‘ हरनन्दीपुरम’ मिलने जा रही है। इसमें आठ गांवों की भूमि सम्मिलित की जाएगी, जिसमें से अधिकतर भूमि आपसी सहमति से खरीदी जाएगी और शेष भूमि का अधिग्रहण भू-अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन अधिनियम, 2013 के तहत किया जाएगा। यह योजना आम जनता के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
जनसामान्य की सामाजिक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए बैठक में ‘उत्सव भवन ’ के निर्माण और संचालन का भी निर्णय लिया गया। यह आधुनिक सामुदायिक केन्द्र होगा जहाँ शादी-ब्याह, पारिवारिक और सामाजिक कार्यक्रम किफायती दरों पर आयोजित किए जा सकेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में भी सकारात्मक पहल की गई। ग्राम डासना स्थित सुन्दरदीप एजुकेशनल सोसाइटी की लगभग 8.93 हेक्टेयर भूमि को ‘कृषि’ से ‘संस्थागत’ भू-उपयोग में परिवर्तित करने की मंजूरी दी गई, जिससे शिक्षा और अनुसंधान को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
इसके साथ ही, गाजियाबाद, लोनी और मोदीनगर महायोजना-2031 के अंतर्गत शेष क्षेत्रों के जोनल डेवलपमेंट प्लान तैयार करने हेतु कंसलटेंट्स के चयन का प्रस्ताव भी स्वीकृत हुआ। इससे शहर के सुनियोजित विकास की रूपरेखा और मज़बूत होगी। इन सभी फैसलों के साथ गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में गाजियाबाद न केवल किफायती आवास और आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, बल्कि उद्योग, शिक्षा और सामाजिक ढाँचे के मामले में भी प्रदेश में मिसाल कायम करेगा।
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(Udaipur Kiran) / फरमान अली
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