कानपुर, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । कन्या विवाह सहायता योजना योजना का लाभ केवल उन्हीं श्रमिकों को मिलेगा। जिनका बोर्ड में पंजीकरण कम से कम एक वर्ष पुराना हो। पंजीकरण सक्रिय हो व नियमित अंशदान किया गया हो। विवाह की तिथि प्रस्ताव की तिथि के बाद की होनी चाहिए और विवाह के समय वधू की आयु न्यूनतम 18 वर्ष एवं वर की आयु न्यूनतम 21 वर्ष होना अनिवार्य है। एक श्रमिक अधिकतम दो पुत्रियों के विवाह के लिए ही इस योजना का लाभ ले सकता है। यह जानकारी गुरुवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने दी।
निर्माण श्रमिकों के सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा कन्या विवाह सहायता योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के माध्यम से पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को अपनी पुत्रियों के विवाह पर 55,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
यह योजना श्रमिक परिवारों को विवाह जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक अवसरों पर राहत देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। प्रदेश सरकार की यह पहल श्रमिकों के सामाजिक उत्थान की दिशा में एक मजबूत कड़ी है।
आगे उन्होंने बताया कि योजना का आवेदन विवाह से पूर्व अथवा विवाह के 90 दिन के भीतर किया जा सकता है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और upbocw.in पोर्टल पर उपलब्ध है। जन सेवा केंद्र से भी आवेदन कर सकते है। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे श्रमिक पंजीकरण प्रमाण पत्र, बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, वर-वधू की आयु का प्रमाण, विवाह प्रमाण पत्र (यदि विवाह हो चुका हो), बैंक पासबुक की प्रति और श्रमिक का हालिया फोटो आवेदन के साथ संलग्न करना आवश्यक है।
जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त पंजीकृत निर्माण श्रमिकों से अपील की कि वे इस योजना की जानकारी प्राप्त कर समय से आवेदन करें। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य पात्र श्रमिकों को जागरूक करने में भी सभी लोग भागीदार बनें, जिससे कोई भी ज़रूरतमंद इस सहयोग से वंचित न रह जाए।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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