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परशुराम लक्ष्मण संवाद देखने को भोर तक रामलीला पंडाल में डटे रहे दर्शक

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तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा आये भृगुकुल कमल पतंगा

सुनि मुनि वचन लखन मुस्काने बोले- परशु धरही अपमाने

औरैया, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Uttar Pradesh के औरैया जिले के अजीतमल कस्बा क्षेत्र के एक गांव में चल रही तीन दिवसीय रामलीला के दूसरे दिन बुधवार की रात विशाल धनुष यज्ञ का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के अलग अलग स्थानों से आये हुए मंचनकर्ताओं ने रामलीला का मंचन कर दर्शकों को भावविभोर किया.

कस्बा क्षेत्र के गांव मौहारी में मां काली माता मंदिर परिसर में गत करीब 40 वर्षों से हो रही रामलीला के अंतर्गत तीन दिवसीय रामलीला के अंतर्गत दूसरे दिन प्रदेश के अलग अलग जनपदों से आये हुए मंचन्कारियों ने धनुष यज्ञ, रावण बाणासुर सम्बाद, तथा परशुराम लक्ष्मण सम्बाद का मनोहारी मंचन कर उपस्थित दर्शकों को भोर सुबह तक रामलीला पंडाल में डटे रहने को मजबूर किया.

मंचन के आरम्भ में जब सीता स्वयंवर में कोई भी राजा धनुष को नहीं तोड़ पाता है, तब राजा जनक करुण क्रंदन करते हुए पृथ्वी को वीर विहीन कहने लगे जिनकी बात को सुनकर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को क्रोध आ जाता है, तो वह तुरंत क्रोध करते हुए भगवान राम से कहते है. बाद में ऋषि विश्वामित्र के कहने पर भगवान राम ने धनुष का खंडन कर दिया. धनुष टूटते ही महर्षि परशुराम ने जनकपुरी में आयोजन कर्ताओं के सामने धनुष तोड़ने वाले का नाम पूछते हुए क्रोध प्रकट करते है इसके बाद लक्ष्मण-परशुराम के बीच लम्बा संवाद चलता है जिसे देखने को गुरुवार भोर सुबह तक दर्शक पंडाल में डटे रहे.

वही मंचन कर रहे मंचन्कारियों में राम के रूप में कृपा शंकर पांडे दिवियापुर, लक्ष्मण के रूप में आनन्द अवस्थी कानपुर, परशुराम के रूप में राजू मिश्रा कानपुर, जनक के रूप में राजू मिश्रा जनपद इटावा, रावण अभिषेक कुमार अटसू, हास्य राजू चंचला आदि ने लोगो को खूब लुभाया.

कार्यक्रम की व्यवस्था में ज्ञान सिंह, जयपाल सिंह, मोहन पाल, रामचन्द्र पाल, शिवेंद्र सिंह, नागेंद्र त्रिपाठी, मिट्ठन, नाथूराम, धर्मवीर, सम्फर बाथम, धर्मेंन्द्र सहित तमाम सदस्य मौजूद रहे.

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(Udaipur Kiran) कुमार

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