इंदौर, 23 जून (Udaipur Kiran) । नीट यूजी परीक्षा-2024 को लेकर बिजली बाधा के विवाद में सोमवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में अंतिम सुनवाई हुई। यह मामला चार मई को हुई परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने और बारिश से परीक्षा में व्यवधान से जुड़ा है। करीब डेढ़ घंटे तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
याचिकाकर्ता छात्रों की ओर से वकील मृदुल भटनागर ने कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि परीक्षा के दौरान बिजली बाधित होने से कई छात्रों का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे से अब तक 100 से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं और उन्हें दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कोर्ट को सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए, जिसमें बारिश और बिजली जाने के दृश्य शामिल थे।
एनटीए की ओर से उपस्थित हुए वरिष्ठ वकील भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वर्चुअली, जबकि रूपेश कुमार और डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रोमेश दवे प्रत्यक्ष रूप से पेश हुए। एनटीए का पक्ष था कि अधिकतर परीक्षा केंद्रों पर बैकअप की व्यवस्था थी और दोबारा परीक्षा कराना 75-80 छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं है।
गौरतलब है कि चार मई को परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन में तेज बारिश और आंधी के चलते कई सेंटरों पर बिजली चली गई। छात्रों ने कोर्ट में याचिकाएं लगाना शुरू किया, जिससे एनटीए को नोटिस भेजा गया और कुछ छात्रों के रिजल्ट होल्ड रखे गए। इसके बाद नौ जून को हुई पिछली सुनवाई में एनटीए ने बैकअप होने का दावा किया, जबकि याचिकाकर्ता ने इसे खारिज करते हुए सेंटर ऑब्जर्वर की रिपोर्ट पेश की जिसमें जनरेटर न होने की बात थी।
मामले में अब तक 85 से अधिक छात्र याचिका दायर कर चुके हैं, जबकि 2000 से ज्यादा छात्रों के प्रभावित होने की बात सामने आ रही है। छात्रों की मांग है कि जिन सेंटरों पर बिजली की समस्या आई थी, वहां दोबारा परीक्षा कराई जाए। उनका तर्क है कि बिजली न होने से परीक्षा के दौरान ध्यान भंग हुआ और वे अपना प्रदर्शन ठीक से नहीं कर पाए। उज्जैन में 40-45 मिनट और इंदौर में करीब 2 घंटे तक बिजली नहीं थी।
(Udaipur Kiran) तोमर