देहरादून, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने और काफी तबाही पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि आपदा-पूर्व चेतावनी प्रणाली को विकसित करने में सरकार निरंतर फेल हो रही है। घटना पर दुख व्यक्त करते आर्य ने स्थानीय प्रशासन और आपदा राहत विभाग से जल्द से जल्द राहत और बचाव का पूरा करने की मांग की है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने यहां मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि उत्तराखंड के अनेक पर्वतीय गांव प्रतिवर्ष आपदाओं का शिकार हो रहे हैं। संसाधनों की कमी, नियंत्रण की योजना का अभाव और तात्कालिक निर्णयों की उपेक्षा के चलते राज्य सरकार और प्रशासनिक तंत्र आपदा नियंत्रण में विफल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लगातार बढ़ती प्राकृतिक आपदाएं केवल पर्यावरणीय घटनाएं नहीं हैं, अपितु वे हमारे विकास मॉडल, नीति-निर्धारण एवं प्रकृति के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार की ओर से अनियोजित शहरीकरण और अनियोजित निर्माण हो रहा है, वह विनाश की किसी भी विभीषिका की तीव्रता को कई गुना बढ़ा रहा है। निर्माण की तेज रफ्तार ने सारे प्राकृतिक निकासों को पाट दिया है। नतीजा जलजमाव और जल भराव। यह पानी जो ऐसे समय में मुसीबत का मुख्य कारक है। उत्तराखंड में लगातार बढ़ती आपदाओं से निपटने के लिए सरकार के आपदा-उत्तर राहत प्रयास पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि इसके लिए दीर्घकालिक, वैज्ञानिक और ठोस रणनीतियों की आवश्यकता है।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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