नई दिल्ली, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली सरकार ने जल बोर्ड को पहली बार निर्णय लेने और काम पूरा करने की ताकत दी है। जल बोर्ड को अब करोड़ों रुपये की परियोजनाओं के लिए कैबिनेट की स्वीकृति का इंतजार नहीं करना होगा। यह जानकारी सीएओ दिल्ली ने एक्स पर शनिवार को साझा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब दिल्ली जल बोर्ड यमुना की सफाई, नालों के उपचार और पेयजल व्यवस्था से जुड़ी तमाम योजनाएं स्वयं स्वीकृत करेगा और जमीन पर उतारेगा। उसे करोड़ों रुपये की परियोजनाओं के लिए बोर्ड को कैबिनेट की स्वीकृति का इंतजार नहीं करना होगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के वित्तीय अधिकार बढ़ाने का यह निर्णय केवल एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि शासन को तेज, उत्तरदायी और परिणामोन्मुखी बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे हर स्तर पर निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी, कार्यों में देरी घटेगी और व्यवस्था अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन को दिल्ली में जमीन पर उतारने की एक मजबूत शुरुआत है।
दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड को स्वायत्तता और वित्तीय अधिकार देने का निर्णय प्रशासनिक नहीं, बल्कि जनसेवा की दिशा में ऐतिहासिक सुधार है। अब यमुना की सफाई, नालों के उपचार और जल आपूर्ति की योजनाएं बिना देरी जमीन पर उतरेंगी।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
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