अजमेर, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । देशभर के डायबिटीज विशेषज्ञों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस “अजयमेरु डायबिटीज समिट-2024” आगामी 12 और 13 जुलाई को अजमेर के जयपुर रोड स्थित पैराडाइजों रिसॉर्ट में आयोजित की जाएगी। दो दिवसीय इस सम्मेलन में डायबिटीज से जुड़ी नवीनतम चिकित्सा पद्धतियों, आधुनिक दवाओं, नवाचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंसुलिन पंप तकनीक और उपचार की उन्नत विधियों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में देशभर से 350 से अधिक चिकित्सा विशेषज्ञ भाग लेंगे।
इस सम्मेलन का आयोजन अजयमेरु डायबिटीज सोसायटी और डायबिटीज एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। आयोजन समिति के चेयरपर्सन और इंडियन पोडियाट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. रजनीश सक्सेना ने बताया कि सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में जेएनयू मेडिकल कॉलेज के प्रो-चांसलर डॉ. सुधीर भंडारी मौजूद रहेंगे।
सम्मेलन में पद्मश्री डॉ. कमलाकर त्रिपाठी (वाराणसी) और पद्मश्री डॉ. ऋषि शुक्ला (कानपुर) सहित देश-विदेश के 45 से अधिक ख्यातनाम विशेषज्ञ भाग लेंगे। इनमें डॉ. एपीएस सूरी (दिल्ली), डॉ. साजिद अंसारी और डॉ. अजय तिवारी (लखनऊ), डॉ. स्वाति श्रीवास्तव (अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन), डॉ. आरके पाधी (आईआईएससी, बेंगलुरु), डॉ. जितेंद्र शर्मा (आंध्र प्रदेश) और डॉ. जेपी मिश्रा (वाराणसी) प्रमुख रूप से शामिल हैं।
सम्मेलन के दौरान कुल 12 सत्र और 3 वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी, जिनमें इंसुलिन पंप, आर्टिफिशियल पैंक्रियाज, डायबिटिक फुट केयर, ब्लड प्रेशर, मोटापा, हृदय और किडनी से जुड़ी जटिलताओं जैसे विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी। इंसुलिन पंप और एआई आधारित इलाज से संबंधित वर्कशॉप्स का संचालन पद्मश्री डॉ. ऋषि शुक्ला और डॉ. सौरभ मिश्रा द्वारा किया जाएगा।
कार्यक्रम के साइंटिफिक चेयरमैन के रूप में डॉ. अनिल सामरिया (जेएलएन मेडिकल कॉलेज) और डॉ. पुनीत सक्सेना (एसएमएस मेडिकल कॉलेज) जिम्मेदारी निभा रहे हैं, जबकि आयोजन के कोषाध्यक्ष डॉ. कुणाल कोहली होंगे।
डॉ. रजनीश सक्सेना ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। देश के 31 राज्यों में औसतन 11 प्रतिशत जनसंख्या डायबिटिक है, जबकि 15 प्रतिशत लोग प्री-डायबिटिक अवस्था में हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह स्थिति और भी अधिक गंभीर बताई गई है।
समिट का उद्देश्य न केवल विशेषज्ञों के बीच ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान करना है, बल्कि आमजन को भी जागरूक करना है। समिट के माध्यम से चिकित्सा विशेषज्ञ लोगों को फाइबर युक्त आहार, नियमित व्यायाम, पैदल चलने और तैराकी जैसी जीवनशैली में सुधार लाने वाले उपायों के प्रति भी प्रेरित करेंगे, ताकि डायबिटीज के प्रसार को रोका जा सके और इसके प्रभाव को कम किया जा सके।
(Udaipur Kiran) / संतोष
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