जबलपुर, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . शहर के विजय नगर क्षेत्र में शुक्रवार सुबह नगर निगम का अतिक्रमण हटाने का दस्ता चौपाटी पहुंचा. निगम टीम को देखकर ठेले-टपरे संचालकों में हड़कंप मच गया और देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया. ठेलेवालों और निगम प्रशासन के बीच विवाद का कारण यह था कि कुछ व्यापारी दावा कर रहे थे कि उन्हें नगर निगम की ओर से जगह आवंटित की गई है और वे वर्षों से चौपाटी में ठेले-टपरे चला रहे हैं. वहीं, निगम का कहना था कि अधिकांश ठेले बिना अनुमति के लगाए गए हैं और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है.
जोरदार विरोध शुरू होने पर ठेलेवालों ने बीच सड़क पर बैठकर चक्काजाम कर दिया और कार्रवाई रोकने की मांग करने लगे. विरोध के दौरान उन्होंने सड़क पर पेड़ों की टहनियां और अन्य सामान फेंका, बुलडोजर के सामने खड़े होकर नारेबाजी की और चेतावनी दी कि अगर उनकी दुकानें हटाई गईं तो वे मजबूर होकर अपनी दुकानों में आग लगा देंगे. मौके पर मौजूद पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की और लोगों को सड़क से हटाया. लगातार बढ़ते तनाव और विरोध को देखते हुए नगर निगम अधिकारियों ने ठेलेवालों को दो घंटे की मोहलत दी ताकि वे अपना सामान समेट सकें. इसके बाद कार्रवाई को अस्थायी रूप से रोका गया.
बाद में नगर निगम अमले ने भारी पुलिस बल के साथ चौपाटी के सारे ठेले-टपरे हटा दिए. इसी दौरान पूर्व विधायक विनय सक्सेना मौके पर पहुंचे और नगर निगम की कार्रवाई को रोकवाया. उन्होंने कहा कि यह व्यापारी नगर निगम द्वारा आवंटित जमीन पर काम कर रहे हैं और त्योहारी समय में उनकी रोजी-रोटी छीनना उचित नहीं है. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि व्यापारियों को त्योहार के बाद वैकल्पिक जगह उपलब्ध कराई जाए.
अतिक्रमण दस्ता प्रभारी मनीष तड़से ने बताया कि कार्रवाई आवागमन में हो रही बाधा की शिकायत पर की जा रही थी और यह पूरी तरह नियमानुसार है. उल्लेखनीय है कि इस विवाद ने शहर में अतिक्रमण हटाने और ठेले-टपरे संचालकों के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को एक बार फिर सभी के सामने लाकर रख दिया है .
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
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