देहरादून, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कांवड़ की ऊंचाई को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमों अखिलेश के बयान को तथ्यहीन और गुमराह करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस की दोहरी मानसिकता को लोग बार बार नकार चुके हैं।
पार्टी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भटृ ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उत्तरप्रदेश के के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह कांवड़ यात्रा पर उनकी दोहरी सोच दर्शाता है,जिसे अब जनता भी साफ़-साफ़ देख रही है। भाजपा सरकार श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ही 10 फीट से ऊंची कांवड़ न बनाने की सलाह देती है। लेकिन उनके जैसे सनातन विरोधी इसे ‘रोक’ बताकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि जब आप सत्ता में थे,तब कांवड़ यात्रा के दौरान न कोई बेहतर व्यवस्था थी,न ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस इंतज़ाम होता था। बल्कि,इन्होंने ख़ुद डीजे और भक्ति संगीत पर यह कहकर रोक लगाई थी कि इससे ‘शोरगुल’ होता है। लेकिन आज राजनैतिक ढोंग करते हुए अखिलेश श्रद्धा के नाम पर दिखावा करते हुए शिव भक्तों में भ्रम फैलाना चाहते हैं। समाजवादी सरकार में सनातनी श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध लगते थे,लेकिन भाजपा सरकार श्रद्धालुओं के लिए शानदार प्रबंध करती है। हमारी सरकार ने कहीं कोई पाबंदी नहीं लगाई है, बल्कि हर कांवड़ यात्री की श्रद्धा का सम्मान करते हुए, उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
हरीश रावत को जनता गंभीरता से नहीं लेती:
महेंद्र भटृ ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के वादे पर आईना दिखाया और कहा कि उन्हें भी सत्ता में रहने का मौका मिला लेकिन कोई भी ठोस कदम नही उठा पाए। हरदा के मौन व्रत पर पूछे सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जिनकी राजनीति को बार-बार नकारकर, जनता ने मौन कर दिया हो, जिनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए उनकी कही बातें मायने नहीं रखती हों,उनका मौन रहना ही उचित है। उनका मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से रोजाना किंवटलों झूठे आरोप लगाकर, थोड़े समय मौन हो जाने के नाटक से अब जनता भलीभांति परिचित है। लिहाजा उनके वक्तव्यों या मौन रहने को प्रदेश की जागरुक जनता अब बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लेती है।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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