Next Story
Newszop

कला और विज्ञान एक दूसरे के पूरक हैं : डॉ अर्चना चहल

Send Push

-पाँच दिवसीय प्रान्तीय पंचपदी कार्यशाला

प्रयागराज, 27 जून (Udaipur Kiran) । विद्या भारती काशी प्रांत द्वारा आयोजित पांच दिवसीय प्रांतीय पंचपदी अधिगम पद्धति कार्यशाला के तृतीय दिवस पर मुख्य अतिथि इविवि की शारीरिक विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना चहल ने कहा कि कला और विज्ञान एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा क्या कोई वैज्ञानिक बिना कल्पना के कोई अविष्कार कर सकता है या कोई कलाकार बिना चिन्तन के अपनी कृति बना पायेगा।

उन्होंने आचार्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विचारों के आदान-प्रदान में भाषा की बाधा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने बच्चों के अन्दर भूख पैदा करने की बात की, यानि कक्षा कक्ष को उस जगह पर छोड़ना जहां से बच्चा जिज्ञासु बने, यानि उसमे ज्ञान की भूख बढ़े।

अध्यक्षता करते हुए प्रदेश निरीक्षक, काशी प्रान्त शेषधर द्विवेदी ने कहा कि आचार्य जब कक्षा-कक्ष से बाहर निकलें तो कुछ भैया बहिनों से फीडबैक ले सकते हैं और यह जान सकते है कि उन्हें कितना समझ में आया। एक अच्छा आचार्य वह है जो बच्चों के अन्दर जिज्ञासा पैदा कर सके। उन्होंने कहा कि हमें जीवन में कई दर्जन शिक्षक पढ़ाते हैं, लेकिन याद वही रह जाते हैं जिनसे हम कुछ सीख पाते हैं। हम सबको भी चाहिए कि उन शिक्षकों के जैसे ही हम भी विषय को विद्यार्थियों के सम़क्ष रखें। विशिष्ट अतिथि के रुप में श्रीमती रितु द्विवेदी उपस्थित रहीं।

विद्या भारती काशी प्रान्त के प्रचार प्रमुख विक्रम बहादुर सिंह परिहार के अनुसार आचार्य और विद्यार्थी दोनों को ही समय-2 पर अपना मूल्यांकन करना चाहिए। हमें अपनी पाठ योजना का निर्माण ठीक प्रकार से करना होगा। उन्होंने सभी प्रशिक्षु आचार्यों से कहा कि हम यहां से सीखकर जायें और अपने-अपने विद्यालय में अन्य आचार्यगणों को सिखाने वाला बनकर जाएं।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

Loving Newspoint? Download the app now