झज्जर, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । अपने संपूर्ण जीवन में पर्यावरण संरक्षण को समर्पित रहे संत नितानंद का 226वां निर्वाण दिवस जटेला धाम में पर्यावरण संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह जानकारी देते हुए संस्था के महंत राजेंद्र दास ने कहा गुरुवार काे कहा कि पर्यावरण को बचाने की चुनौती आज राष्ट्र व समाज के सामने प्रमुख है। पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए पेड़ पौधे व वनस्पति सबसे कारगर माध्यम है। संत नितानंद महाराज ने अपने राजसी ठाठ-बाट छोड़कर पेड़ पौधे और प्रकृति के सानिध्य में साधना व तपस्या की थी।
महंत राजेंद्र दास ने कहा कि पेड़ पौधे और वनस्पति ही प्रकृति की सबसे अनुपम संतान हैं, जो पर्यावरण को शुद्ध रखने व मानवता की सेवा करने में हर समय तत्पर रहते हैं। पेड़ पौधे ऑक्सीजन के साथ-साथ छाया, फल व औषधि देते हैं। हमारा सनातन आयुर्वेद विज्ञान सारा का सारा पेड़ पौधे और वनस्पतियों के ऊपर टिका हुआ है। अतः जो पेड़ पौधे हमने इस मानसून सत्र में लगाए हैं उनका संरक्षण करना ही हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। इसी कारण 24 अगस्त को उनका 226वां निर्वाण दिवस पर्यावरण संरक्षण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। जिसमें भारतवर्ष के उच्च कोटि के संत महात्मा पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को आशीर्वाद देंगे। उन्होंने बताया कि इस मौके पर भंडारा, पर्यावरण पर विचार मंथन गोष्ठी और सत्संग का भी विशाल आयोजन होगा। जिसमें प्रदेश के कोने-कोने से आकर श्रद्धालुजन वृक्षों और नितानंद महाराज के प्रति अपनी कृतज्ञता का भाव प्रकट करेंगे।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
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