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कानपुर आईआईटी के साथी प्लेटफार्म ने दादरा और दमन तक बनाई पहुंच : मणींद्र अग्रवाल

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कानपुर, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । आईआईटी कानपुर में हमारा उद्देश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को हर छात्र तक पहुंचाना है, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि या क्षेत्र से हो। इसी उदृदेश्य से SATHEE नामक प्लेटफार्म तैयार किया गया जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार सामग्री रहती है व लाइव क्लास भी दी जाती है जो जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए वरदान साबित हो रही है। अब इसको और विस्तारित किया जा रहा है। विस्तार के क्रम में हमें खुशी है कि यह प्लेटफॉर्म अब दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव में भी लागू हो रहा है। यह बातें बुधवार को आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कही।

शिक्षा मंत्रालय की प्रमुख पहल SATHEE (Self-Assessment Test and Help for Entrance Exams), जिसे आईआईटी कानपुर ने विकसित किया है। अब दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव के सरकारी स्कूलों में ग्यारहवीं और बाहरवीं के छात्रों के लिए जेईई और नीट की निःशुल्क लाइव कोचिंग कक्षाएं शुरू कर दी हैं। यह कदम इस वर्ष की शुरुआत में 200 से अधिक विज्ञान शिक्षकों के सफल ओरिएंटेशन के बाद उठाया गया है। यह पहल केंद्र शासित प्रदेश के शिक्षा निदेशालय के सहयोग से चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य छात्रों को भारत की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की उच्च गुणवत्ता वाली तैयारी उपलब्ध कराना है।

ये लाइव कक्षाएं आठ जुलाई से नियमित स्कूल समय के दौरान शुरू हो चुकी हैं। और यह कक्षाएं सरकारी स्कूलों में स्थापित स्मार्ट क्लासरूम्स के माध्यम से संचालित की जा रही हैं। इन सत्रों को आईआईटी और एम्स के अनुभवी फैकल्टी व मेंटर्स द्वारा पढ़ाया जा रहा है, जो छात्रों को निशुल्क विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। शिक्षा निदेशालय ने डिजिटल लर्निंग की सुविधा सुनिश्चित करने और स्थानीय क्षमताओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।

SATHEE के एडटेक डायरेक्टर राहुल गर्ग के नेतृत्व में शिक्षकों को प्लेटफॉर्म की विशेषताओं और शिक्षण पद्धतियों का पूर्ण प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें लाइव व रिकॉर्डेड लेक्चर, मॉक टेस्ट, व्यक्तिगत लर्निंग टूल्स और बहुभाषी कंटेंट का उपयोग करके छात्रों की बेहतर मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि किसी भी डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह कक्षा स्तर पर कितनी प्रभावी रूप से अपनाया गया है। हमने शिक्षकों को सिर्फ उपयोगकर्ता नहीं, बल्कि SATHEE के मिशन के प्रेरक बनाने का प्रयास किया।

इस पहल के जरिए अब केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों को वही व्यवस्थित और गहन तैयारी उपलब्ध हो रही है जो पहले केवल शहरी क्षेत्रों के निजी कोचिंग संस्थानों में संभव थी। SATHEE का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को हर छात्र तक पहुंचाना है और यह लॉन्च उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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