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हिमाचल प्रदेश के मंत्री पर एनएचएआई अधिकारी से मारपीट का आरोप, केस दर्ज

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शिमला, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला के भट्टाकुफर में सोमवार सुबह पांच मंजिला भवन गिरने की घटना के बाद नया बवाल खड़ा हो गया है। घटनास्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे हिमाचल सरकार के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर एनएचएआई के एक अधिकारी से मारपीट करने का आरोप लगा है। शिमला की ढली थाना पुलिस ने मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, इस घटना को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है।

एनएचएआई में कार्यरत अधिकारी अचल जिंदल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह एसडीएम ग्रामीण द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने के बाद करीब 11:30 बजे घटनास्थल पर पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने पहले उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और फिर उनके समर्थकों के साथ मिलकर मारपीट की। जिंदल द्वारा दी गई शिकायत के मुताबिक हमले में उन्हें चोटें आईं। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए आईजीएमसी ले जाया गया। वहां उनका मेडिकल परीक्षण हुआ और एमएलसी भी करवाई गई।

पुलिस ने अचल जिंदल की शिकायत के आधार पर मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 132, 121(1), 352, 126(2) और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि अब तक मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

सोमवार सुबह करीब 8:15 बजे भट्टाकुफर की माठू कॉलोनी में एक पांच मंजिला इमारत भरभराकर ढह गई थी। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन भवन पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया। इस इमारत की मालकिन रंजना वर्मा ने भी एनएचएआई और फोरलेन निर्माण कार्य में लगी निजी कंपनी गावर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अलग शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि उनके भवन के नीचे फोरलेन कटिंग के चलते पहले ही दरारें आ चुकी थीं और निर्माण कार्य की अनदेखी के चलते सोमवार को पूरी इमारत ध्वस्त हो गई। ढली पुलिस ने दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने घटना की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक बताया और मुख्यमंत्री से मंत्री की बर्खास्तगी की मांग की। कहा कि यह घटना प्रशासनिक अनुशासन और जनसेवा के खिलाफ एक खतरनाक उदाहरण है।

एनएचएआई इंजीनियर एसोसिएशन ने भी इस घटना को अस्वीकार्य बताया और दोषियों के खिलाफ त्वरित व सख्त कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा कि यह एक सरकारी अधिकारी पर ड्यूटी के दौरान हमला है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि यह कानून के शासन पर सीधा हमला है। किसी सार्वजनिक सेवक पर उसके कर्तव्य के पालन के दौरान ऐसा हमला उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा और संस्थागत गरिमा दोनों को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कहा कि जवाबदेही तय होनी चाहिए और न्याय में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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