-उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने किया वर्चुअल उद्घाटन, लोकनृत्य और शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने मोहा मन
चित्रकूट,17 जुलाई (हि..स.)।.उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दीनदयाल शोध संस्थान के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय ‘भारत सांस्कृतिक यात्रा’ कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को दीनदयाल शोध संस्थान, सुरेन्द्र पाल ग्रामोदय विद्यालय के विवेकानंद सभागार में हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया।
अपने संदेश में उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत अत्यंत समृद्ध है, जो विविध भाषाओं, कलाओं, संगीत और परंपराओं के अद्भुत संगम से सजी है। उन्होंने कहा, “यह विविधता ही हमारी असली ताकत है, और जब हम इसे एक सूत्र में पिरोते हैं, तो यह एक सशक्त सांस्कृतिक पहचान के रूप में उभरती है।” उन्होंने उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा निरंतर आयोजित हो रहे ऐसे कार्यक्रमों की सराहना करते हुए आयोजन के लिए पूरी टीम को बधाई दी।
इस दौरान चित्रकूट धाम के गौरव में प्रमुख तीन विभूतियां क्रमशः पूज्य पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज को भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा साहित्य के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार, डॉ बी के जैन , निदेशक एवं ट्रस्टी, सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट चित्रकूट को पद्मश्री सम्मान एवं डॉ भरत मिश्रा , कुलगुरु के प्रयास से महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट को प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा AA+ ग्रेड एवं यूजीसी द्वारा श्रेणी वन की स्वायत्तता प्राप्त हुई है। इसके लिए दीनदयाल शोध संस्थान, साधु संत एवं चित्रकूट वासियों की ओर से डीआरआई के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन द्वारा सांस्कृतिक मंच से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गायत्री शक्ति पीठ के प्रबंधक डाॅ रामनारायण त्रिपाठी, नगर पंचायत चित्रकूट की अध्यक्ष साधना पटेल,जिलापंचायत चित्रकूट के अध्यक्ष अशोक जाटव,, बांदा चित्रकूट कोपरेटिव बैंक के चेयरमैन पंकज अग्रवाल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान से आईं ममता राठौर एवं दल द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक कालबेलिया और घूमर नृत्य से हुई, जिसने दर्शकों को राजस्थानी लोकजीवन की झलक दिखाते हुए तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गुंजायमान कर दिया। इसके पश्चात लखनऊ की कलाकार नेहा सिंह सेंगर एवं उनके दल ने कथक नृत्य-नाटिका के माध्यम से मानव सभ्यता के विकास, प्रकृति के दोहन और शांति की खोज जैसे गंभीर विषयों को प्रभावशाली ढंग से मंचित किया।
इसके बाद रीवा की विनीता दोहरे ने पारंपरिक बधाई नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं अजिता द्विवेदी एवं उनके दल ने बघेली लोकगायन के माध्यम से बुंदेली-संस्कृति की मिठास से भरपूर प्रस्तुति दी। इसके साथ ही शिखा पाल एवं दल ने फाग नृत्य, और करिश्मा केसरी ने शास्त्रीय भरतनाट्यम की अत्यंत प्रभावशाली प्रस्तुति दी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
इस अवसर पर केंद्र के प्रभारी निदेशक आशीष गिरि ने कहा कि ‘भारत सांस्कृतिक यात्रा’ का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विविधता को एक मंच पर लाकर उसे उत्सव का रूप देना है, जिससे एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना और मजबूत होती है। कार्यक्रम प्रभारी एम.एम. मणि द्वारा सभी कलाकारों को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।
आगामी दो दिनों तक यह सांस्कृतिक यात्रा सतना एवं रीवा की लोक एवं शास्त्रीय प्रस्तुतियों से चित्रकूटवासियों को समृद्ध अनुभव प्रदान करती रहेगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, कला प्रेमी और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की।
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(Udaipur Kiran) / रतन पटेल
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