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जम्मू में सरकारी वेबसाइट बंद होने, पानी के मीटर और विफल सार्वजनिक सेवाओं का आरोप, प्रदर्शन

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जम्मू, 14 मई . मिशन स्टेटहुड के अध्यक्ष सुनील डिम्पल ने जम्मू में एक विशाल विरोध रैली का नेतृत्व किया जिसमें पिछले 15 दिनों से सरकारी विभागों की वेबसाइटें बंद होने पर गंभीर चिंता जताई गई, खासकर जेएमसी (जम्मू नगर निगम), पीडीडी (बिजली विकास विभाग) और पीएचई (सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग). विरोध प्रदर्शन में प्रमुख स्थानीय नेताओं और बड़ी संख्या में व्यापारियों और निवासियों ने भाग लिया.

रैली को संबोधित करते हुए डिम्पल ने इन प्रमुख विभागों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि वेबसाइट बंद होने के कारण कोई भी आधिकारिक काम नहीं हो पा रहा है, जिससे लोगों को व्यापक असुविधा हो रही है. उन्होंने कहा चाहे वह जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना हो, स्वच्छता संबंधी शिकायतें हों या घर निर्माण के लिए मंजूरी हो – सब कुछ अटका हुआ है. उन्होंने जम्मू में पेयजल मीटर लगाने का भी विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार, जो पहले मुफ्त में पानी उपलब्ध कराती थी, अब एक बुनियादी आवश्यकता का व्यवसायीकरण करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, जम्मू के लोग पहले से ही पीने के पानी की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं और अब उन्हें पानी बेचने के लिए मीटर लगाए जा रहे हैं.

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पीडीडी का ऑनलाइन बिल भुगतान पोर्टल काम नहीं कर रहा है और ऑनलाइन किए गए बिजली बिल भुगतान के बारे में कोई जवाबदेही नहीं है. डिंपल ने दावा किया, बिल महीने में दो बार दिए जा रहे हैं और कागजी बिलों में ऑनलाइन बिलों से अलग राशि दिखाई जाती है. बढ़े हुए बिजली बिलों के जरिए लोगों को लूटा जा रहा है. मिशन स्टेटहुड के अध्यक्ष ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर, कागजी बिलों के वितरण और अत्यधिक बिलों पर छूट को पूरी तरह से वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि गरीब परिवार, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है या जो ऐप-आधारित सिस्टम को नहीं समझते हैं, इन डिजिटल-ओनली नीतियों के कारण सबसे ज्यादा पीड़ित हैं.

वहीं अन्य नागरिक मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए, डिंपल ने आरोप लगाया कि जम्मू शहर में सभी प्रमुख सड़कें और स्ट्रीट लाइटें एक महीने से अधिक समय से काम नहीं कर रही हैं, और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण ठप हो गया है. उन्होंने कहा कि शहर के कई इलाकों में ओवरफ्लो हो रही नालियाँ, क्षतिग्रस्त सीवर लाइनें और टूटे हुए मैनहोल प्रशासनिक विफलता का नतीजा हैं. डिंपल ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने 200 यूनिट मुफ्त बिजली, 12 मुफ्त एलपीजी सिलेंडर समेत अन्य मांगें भी रखीं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ये मांगें पूरी नहीं की गईं, तो प्रीपेड मीटरिंग और विफल सरकारी सेवाओं के खिलाफ पूरे जम्मू-कश्मीर में एक मजबूत आंदोलन शुरू किया जाएगा.

/ राहुल शर्मा

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