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LAC पर भारत-चीन सैन्य बल मनाएंगे दिवाली, पेट्रोलिंग की शुरुआत का करेंगे आगाज

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भारत और चीन के ग्राउंड कमांडर सहित अन्य सैनिक गुरुवार यानी कल दिवाली के दिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) बिंदुओं पर मिठाइयों का आदान-प्रदान करने के लिए मिलेंगे। इसी के अतिरिक्त सीमा पर पेट्रोलिंग दिवाली के बाद यानी नवंबर की शुरुआत में शुरू होगी।
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सैनिकों की वापसी पूरी
भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी। भारतीय सेना के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

चीन ने क्या कहा
सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार को दिवाली के मौके पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान होगा। भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान सैनिकों की वापसी से जुड़े सवाल पर कहा, "मुझे उम्मीद है कि इस सहमति के तहत भविष्य में संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों पक्षों के बीच विशिष्ट असहमति से प्रतिबंधित या बाधित नहीं होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतभेदों से कैसे निपटा जाए।"

सत्यापन का काम प्रगति पर
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दोनों देशों के बीच बनी सहमति को चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। सेना के सूत्रों ने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम प्रगति पर है और स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के जरिये गश्त के तौर-तरीके तय किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।"
गलवान घाटी के बाद शुरू हुई थी तनातनी
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध बरकरार था और भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर हुई मुलाकात में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध वाले शेष स्थानों से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर भारत-चीन में बनी सहमति का स्वागत किया था। दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए थे, जिसे 2020 में हुई सैन्य झड़प के बाद प्रभावित हुए संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

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