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Vishwakarma Bhagwan Ki Aarti: विश्वकर्मा डे 2 नवंबर को, इस दिन पूजा के समय जरूर करें विश्वकर्मा जी की आरती

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Vishwakarma Ji Ki Aarti Lyrics, Vishwakarma Day 2024 (विश्वकर्मा जी की आरती लिखित में pdf): विश्वकर्मा पूजा का त्योहार साल में दो बार पड़ता है एक बार 16 से 18 सितंबर के बीच आता है तो दूसरी बार दिवाली के बाद ये त्योहार मनाया जाता है। इस साल विश्वकर्मा डे 2 नवंबर को मनाया जाएगा। ये पर्व गोवर्धन पूजा के दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने काम में प्रयोग होने वाली मशीनों और औजारों की साफ-सफाई करक उनकी पूजा करते हैं। चलिए आपको बताते हैं विश्वकर्मा भगवान की आरती के लिरिक्स।


विश्वकर्मा जी की आरती pdf (Aarti Vishwakarma Ji Ki In Hindi Pdf)
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत सगरी हरी ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
श्री विश्वकर्मा की आरती, जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी, सुख संपति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
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