जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम एजबेस्टन में 20 विकेट कैसे लेगी? मैच से पहले क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच यह विषय चर्चा का विषय था। लेकिन आकाश दीप ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए अकेले ही 10 विकेट चटकाए। उन्होंने न सिर्फ इंग्लिश टीम के टॉप ऑर्डर को तहस-नहस कर दिया, बल्कि लोअर ऑर्डर को भी उखाड़ फेंका। इस ऐतिहासिक जीत का जश्न टीम इंडिया ही नहीं, बल्कि तमाम प्रशंसकों ने भी बड़े उत्साह के साथ मनाया। वहीं, लखनऊ के एक शांत घर में एक शख्स ने नम आंखों और भारी मन से यह नजारा देखा। यह शख्स कोई और नहीं बल्कि उनकी बड़ी बहन ज्योति सिंह थीं।
मुझे वाकई कुछ चाहिए था- ज्योति
आपको बता दें कि ज्योति सिंह स्टेज 3 कोलन कैंसर से पीड़ित हैं। फिलहाल उनकी कीमोथेरेपी चल रही है। जब ज्योति को पता चला कि उनके भाई आकाश दीप ने एजबेस्टन टेस्ट की जीत उन्हें समर्पित की है, तो उनकी आंखें खुशी से नम हो गईं। ज्योति ने मिड-डे से कहा, "मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह इतने बड़े मंच पर मेरे बारे में बात करेंगे, लेकिन जब उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि मेरे लिए है, तो मुझे वाकई अच्छा लगा। यह उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है और यह ऐसे समय में आई है जब मुझे वाकई किसी चीज की जरूरत थी।" ज्योति ने अपनी मां के साथ मैच देखा ज्योति ने कहा कि उन्होंने अपनी मां लडुमा देवी के साथ हर गेंद देखी, जिन्होंने कई साल पहले अपने पति और बड़े बेटे को खो दिया था और इससे उन्हें सबसे ज्यादा दुख हुआ। उन्होंने कहा, "हमने टीवी पर मैच देखा। हम सभी बहुत खुश थे।" आकाश दीप का करियर बदलने वाला टेस्ट आकाश के 10 विकेट (10/187) अब इंग्लैंड में किसी भारतीय तेज गेंदबाज द्वारा लिए गए सर्वश्रेष्ठ विकेट हैं। लेकिन ज्योति के लिए, उन विकेटों का मतलब इससे कहीं ज्यादा था। जब वह कीमोथेरेपी के 12 कठिन दौर से गुजर रही थी, जिनमें से दो पहले ही पूरे हो चुके थे, तो उसके भाई की भावपूर्ण श्रद्धांजलि ने उसे एक तरह की राहत दी जो हमेशा सबसे अच्छी दवा भी नहीं दे सकती।
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