ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन कालाष्टमी व्रत को विशेष माना गया है जो कि हर माह में पड़ता है इस पावन दिन पर भगवान शिव के रौद्र स्वरूप भगवान कालभैरव की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और दिनभर उपवास आदि भी रखा जाता है
मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान की कृपा बरसती है और जीवन की दुख परेशानियों का भी समाधान हो जाता है। इस बार मासिक कालाष्टमी 25 सितंबर को मनाई जाएगी। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा की संपूर्ण विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मासिक कालाष्टमी पूजा विधि—
आपको बता दें कि मासिक कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें इसके बाद घर की साफ सफाई करके गंगाजल का छिड़काव करें। अब साफ वस्त्रों को धारण कर पूजा स्थल की सफाई करें इसके बाद मंदिर में दीपक जलाएं और धूप जलाएं। फिर भगवान भैरव की विधिवत पूजा करें। इस दिन शिव परिवार की पूजा करना भी लाभकारी माना जाता है।
भगवान को सभी पूजा सामग्री अर्पित कर भोग लगाएं और उनकी आरती करें इसके बाद भूल चूक के लिए भगवान भैरव से क्षमा जरूर मांग लें। अंत में भगवान सूर्यदेव की पूजा कर जल अर्पित करें। मान्यता है कि इस विधि से भगवान की पूजा करने से वे प्रसन्न होकर कृपा करते हैं।