21 अगस्त 2025 को त्रयोदशी तिथि दोपहर 12:44 बजे तक रहेगी, उसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी। नक्षत्र पुष्य रहेगा। व्यतिपात योग शाम 4:14 बजे तक रहेगा, उसके बाद वरियान योग प्रारंभ होगा। करण वणिज दोपहर 12:44 बजे तक रहेगा, उसके बाद विष्टि करण प्रारंभ होगा। ग्रहों की स्थिति के अनुसार, कर्क राशि में चंद्रमा, शुक्र और बुध एक साथ रहेंगे, जिसका भावनात्मक और वाणी संबंधी प्रभाव हो सकता है। बृहस्पति मिथुन राशि में अकेला रहेगा, जो ज्ञान और अध्यात्म को प्रभावित करेगा। सिंह राशि में सूर्य और केतु की युति होगी, जो आत्मविश्वास और आध्यात्मिक ऊर्जा में वृद्धि कर सकती है, लेकिन विवाद भी करा सकती है। कन्या राशि में मंगल की उपस्थिति ऊर्जा और क्रोध में वृद्धि करेगी। कुंभ राशि में मायावी राहु और मीन राशि में शनि की उपस्थिति अनिश्चितता और कठिनाइयों का कारण बन सकती है। यह ग्रह स्थिति कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होगी। आइए जानते हैं कि किन राशियों के लिए दिन ठीक नहीं रहेगा और इसे अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
वृषभ राशि
कर्क राशि में चंद्रमा और शुक्र की उपस्थिति, व्यतिपात योग और विष्टि करण के प्रभाव के साथ, वृषभ राशि वालों के लिए तनाव और आर्थिक अस्थिरता ला सकती है। इस दिन पारिवारिक मतभेद बढ़ने की संभावना है, जिससे मानसिक शांति भंग हो सकती है। कार्यक्षेत्र में अप्रत्याशित बाधाएँ आ सकती हैं और आर्थिक निर्णय लेने में सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। शुक्र की युति भावनात्मक उथल-पुथल को और गहरा कर सकती है।उपाय: हरे वस्त्र पहनें और सुबह गाय को हरा चारा खिलाएँ।
कर्क राशि
चंद्रमा, शुक्र और बुध की युति कर्क राशि वालों के लिए भावनात्मक उथल-पुथल पैदा कर सकती है। इस दिन निर्णय लेने में असमंजस और मन में अस्थिरता रह सकती है। कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ मतभेद हो सकते हैं और व्यक्तिगत संबंधों में तनाव बढ़ने की संभावना है। बुध की उपस्थिति वाणी पर नियंत्रण न रख पाने की स्थिति पैदा कर सकती है, जिससे विवाद हो सकता है।उपाय: सफेद चंदन का तिलक लगाएँ और भगवान शिव की पूजा करें।
मकर राशि
कुंभ राशि में राहु और शनि की उपस्थिति मकर राशि वालों के लिए मुश्किलें ला सकती है। व्यापार में घाटा और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ, खासकर जोड़ों का दर्द या थकान बढ़ सकती है। शनि की कठोर दृष्टि के कारण मानसिक तनाव और परिवार में दूरियाँ भी संभव हैं। राहु का प्रभाव उलझन पैदा कर सकता है, इसलिए सावधानी ज़रूरी है।उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कुंभ राशि
राहु की उपस्थिति कुंभ राशि वालों के लिए मानसिक तनाव और रिश्तों में तनाव पैदा कर सकती है। कार्यक्षेत्र में अपमान या असफलता का भय रहेगा। राहु और शनि की युति अनिश्चितता और निर्णय लेने में कठिनाई पैदा कर सकती है। पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में गलतफहमियाँ बढ़ने की संभावना है, जिससे दिन और मुश्किल हो सकता है।उपाय: पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएँ।
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