हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्कशीट और डिग्री के मामले में एसटीएफ की टीम यूनिवर्सिटी के चेयरमैन और बाइक बोट घोटाले के आरोपी विजेंद्र सिंह के बैंक खातों की भी जांच कर रही है। एसटीएफ बिजेंद्र के खातों को भी फ्रीज कर रही है ताकि कोई लेनदेन न हो सके।
मोनाड यूनिवर्सिटी के अलावा एसटीएफ की टीम जल्द ही एसवीएस कॉलेज का सर्वर भी जब्त करेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। एसटीएफ लखनऊ की जांच में अब तक एक लाख से अधिक फर्जी डिग्रियां बनाए जाने का खुलासा हुआ है।
8 नवंबर 2024 को कोतवाली पुलिस ने तीन लोगों के बैग से 140 फर्जी दस्तावेज बरामद किए थे, जिनमें हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी की आठ मार्कशीट भी शामिल थीं। समय-समय पर अन्य राज्यों से भी टीमें यहां जांच के लिए आती हैं। कुछ दिन पहले गुजरात से एक टीम भी यहां आई थी और कई दिनों तक रुककर जांच की थी।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि फर्जी मार्कशीट का यह नेटवर्क दूसरे राज्यों तक फैला हुआ है। मोनाड विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त है। छात्रवृत्ति घोटाले के बाद उस बाइक बोट को आरोपी विजेंद्र सिंह ने खरीद लिया था। नई प्रबंधन प्रणाली लगभग ढाई साल से लागू है। इस सत्र में करीब 58 एकड़ में फैले विश्वविद्यालय परिसर में छह हजार से अधिक विद्यार्थी फार्मेसी, इंजीनियरिंग, मानविकी, प्रबंधन, विधि, कृषि, यूजी-पीजी और डॉक्टरेट कार्यक्रमों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि बिजेंद्र सिंह ने 20 से अधिक कंपनियों में करोड़ों रुपये निवेश कर रखे हैं। एसटीएफ ने उन सभी कंपनियों के बारे में भी जानकारी एकत्र कर ली है। एसटीएफ उन सभी खातों को भी फ्रीज कर देगा। इसके साथ ही मोनाड यूनिवर्सिटी और एसवीएस कॉलेज मवाना के खाते भी फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पूछताछ के बाद एसटीएफ ने परीक्षा प्रभारी समेत दोनों को रिहा कर दिया।
पुलिस ने अवैध रूप से परीक्षा आयोजित करने के आरोप में गिरफ्तार परीक्षा प्रभारी समेत दोनों व्यक्तियों को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया है। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने जांच के दौरान विश्वविद्यालय से मांगे गए साक्ष्य उपलब्ध करा दिए हैं। इसके बाद उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया।
बिजनौर में देहरादून रोड पर चंदक में एक कॉलेज है। कुछ समय पहले मेरठ के एक निजी विश्वविद्यालय ने इसे खरीद लिया। बुधवार को दूसरी पाली की परीक्षा के बाद छात्रों की कॉपियां एक वाहन में भरकर विश्वविद्यालय ले जाई गईं। एसटीएफ ने छापेमारी कर सभी परीक्षा कॉपियां जब्त कर लीं। इस मामले में एसटीएफ ने विश्वविद्यालय के परीक्षा प्रभारी समेत दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। एएसपी एसटीएफ बृजेश सिंह ने बताया कि जांच में विश्वविद्यालय से जो भी साक्ष्य मांगे गए थे, वह उसने उपलब्ध करा दिए हैं।
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