भारतीय संस्कृति में गणेश जी को संकटमोचक और विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है। कोई भी शुभ कार्य उनके नाम का स्मरण करके शुरू किया जाता है, क्योंकि मान्यता है कि वे सभी बाधाओं को दूर करते हैं और कार्य में सफलता सुनिश्चित करते हैं। ऐसे में जब जीवन में परेशानियां बढ़ने लगती हैं, घर में अशांति रहती है, धन की कमी सताने लगती है या बार-बार बाधाएं आ रही हैं- तो एक खास स्तोत्र है जिसका चमत्कारिक असर होता है- गणेश अष्टकम। गणेश अष्टकम एक ऐसा स्तोत्र है जिसमें भगवान गणेश के आठ पवित्र स्वरूपों की स्तुति की जाती है। यह पाठ न केवल मानसिक शांति देता है बल्कि कई तरह के संकटों से मुक्ति दिलाने में भी कारगर माना जाता है। लेकिन अगर इसके साथ कुछ खास प्राचीन टोटके भी अपनाए जाएं तो यह और भी कारगर हो जाता है।
गणेश अष्टकम क्या है?
गणेश अष्टकम संस्कृत में रचित आठ श्लोकों का एक स्तोत्र है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी रचना आदि शंकराचार्य ने की थी। इसमें भगवान गणेश के गुण, रूप, बल, बुद्धि और करुणा का वर्णन किया गया है। इसका नियमित पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में स्थिरता आती है। श्लोक की लय न केवल ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा भी देती है। इसका पाठ सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ जगह पर दीपक जलाकर किया जाता है।
गणेश अष्टकम के साथ करें ये 5 खास टोटके
अगर आप जीवन में बार-बार आने वाली समस्याओं से तंग आ चुके हैं और स्थायी समाधान चाहते हैं, तो गणेश अष्टकम के पाठ के साथ ये प्राचीन लेकिन बेहद कारगर टोटके जरूर अपनाएं:
1. मोदक का भोग लगाएं
गणपति बप्पा को मोदक बहुत प्रिय है। हर मंगलवार या चतुर्थी को गणेश अष्टकम का पाठ करने से पहले मोदक या गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं। इससे घर में मिठास और शांति बनी रहती है।
2. दूर्वा घास चढ़ाएं
गणेशजी को दूर्वा (तीन पत्तों वाली घास) बहुत पसंद है। जब भी आप अष्टकम का पाठ करें, उन्हें 21 दूर्वा चढ़ाएं। इसे बीमारियों से बचाने और मानसिक संतुलन बढ़ाने वाला माना जाता है।
3. सिंदूर से तिलक लगाएं
गणेशजी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा प्राचीन है। मान्यता है कि इससे शत्रु बाधा समाप्त होती है। पाठ से पहले या बाद में गणेश प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाएं और तिलक लगाएं।
4. बहते जल में पांच नारियल प्रवाहित करें
यदि कोई विशेष समस्या या कोर्ट केस है तो गणेश अष्टकम का पाठ करें और बहते जल में पांच नारियल प्रवाहित करें। इससे कानूनी मामलों में राहत और सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
5. कार्यस्थल या दुकान पर गणेश अष्टकम का पाठ करें
कार्यस्थल या दुकान पर हर बुधवार को गणेश अष्टकम का पाठ करने से व्यापार में वृद्धि होती है। साथ ही अगर आप नौकरी में स्थिरता चाहते हैं तो यह उपाय बहुत लाभकारी है।
गणेश अष्टकम के लाभ
मानसिक तनाव में कमी
पारिवारिक विवादों का समाधान
व्यापार में वृद्धि
बीमारियों से मुक्ति
छात्रों के लिए एकाग्रता में वृद्धि
बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव
कब करें पाठ?
गणेश अष्टकम का पाठ प्रतिदिन या सप्ताह में एक बार किया जा सकता है, खास तौर पर मंगलवार, बुधवार और चतुर्थी तिथि को। सुबह स्नान करके उत्तर दिशा की ओर मुख करके शांत मन से पाठ करें। संभव हो तो पाठ के बाद गणेश आरती करें।
निष्कर्ष
गणेश अष्टकम न केवल एक धार्मिक स्तोत्र है, बल्कि यह जीवन के हर मोड़ पर आपका मार्गदर्शक भी बन सकता है। अगर इसका पाठ पूरी श्रद्धा, विश्वास और नियमितता के साथ किया जाए और ऊपर बताए गए टोटकों को साथ में जोड़ा जाए, तो जीवन की कई समस्याओं का सरल समाधान संभव है। गणपति बप्पा की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आ सकती है।
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