इंटरनेट डेस्क। राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से प्रदेश के ग्रामीण परिवेश को स्वच्छ बनाने के लिए निरन्तर प्रयासरत किया जा रहा है। इसी के तहत ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई के लिए टेंडर किए जा रहे है। पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की योजनाओं को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए इस इस संबंध में जानकारी दी है।
उन्होंने इस दौरान कहा कि देश भर में पहली बार राजस्थान मे बेसिक शेड्यूल ऑफ रेट्स (बीएसआर रेट) पर टेंडर जारी हुए। नियमित सफाई के लिए औसतन प्रति ग्राम पंचायत में एक लाख रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे है। ऐसे में अब ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई नजर जा आ रही है।
पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने इस दौरान ये भी बोल दिया कि यदि कोई सप्लायर प्रतिबंधित प्लास्टिक का स्टॉक या बिक्री करते हुए पाया गया तो उन पर राज्य सरकार सख्त प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रतिवर्ष प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग करने से साढ़े सात लाख लोग मर रहे है। उन्होंने सभी से प्लास्टिक उपयोग न करने की हिदायत दी।
इन लोगों को अतिरिक्त समय के लिए किया जाएगा अलग से भुगतान
मदन दिलावर ने इस दौरान बोल दिया कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम-1948 के तहत सफाई कार्य के लिए अकुशल श्रमिकों के लिए 285 रुपए, अद्र्ध कुशल श्रमिकों के लिए 297 रुपए तथा कुशल श्रमिकों के लिए 309 रुपए न्यूनतम मजदूरी दर प्रतिदिन का मानदेय निर्धारित किया गया है। छुट्टी के दिन और अतिरिक्त समय के लिए अलग से भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्रमिक द्वारा 8 घण्टे से अधिक कार्य करने पर दुगुनी दरें तथा 8 घण्टे से कम कार्य करने पर नियमानुसार भुगतान किया जाएगा।
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