नई दिल्ली। वक्फ संशोधन एक्ट 2025 के खिलाफ दाखिल याचिकाओं की सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। वहीं, अब केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए कदम बढ़ाने जा रही है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार 6 जून को वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency, and Development Act यानी ‘उम्मीद’ पोर्टल लॉन्च करने जा रही है। वक्फ संशोधन एक्ट 2025 में सभी वक्फ संपत्तियों की रजिस्ट्री करना जरूरी किया गया है। नए उम्मीद पोर्टल से वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन किया जाएगा और इससे पारदर्शिता भी आएगी।
नए उम्मीद पोर्टल पर ही देशभर की सभी वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन होगा। उम्मीद पोर्टल पर सभी वक्फ संपत्तियों की रजिस्ट्री 6 महीने में ही करनी होगी। वक्फ संबंधी संपत्तियों के उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्री के लिए उनकी जियो टैगिंग भी जरूरी की जा रही है। यानी जीपीएस के जरिए बताना होगा कि संपत्ति किस जगह है। जानकारी के अनुसार तकनीकी या किसी और बड़ी वजह से अगर कोई वक्फ संपत्ति 6 महीने में उम्मीद पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं कराई जाती, तो उसके लिए दो महीने तक का वक्त दिया जा सकता है। सभी वक्फ संपत्तियों को राज्यों के वक्फ बोर्डों के जरिए उम्मीद पोर्टल पर रजिस्टर्ड कराया जाएगा।
इसके अलावा उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्ति की लंबाई, चौड़ाई और क्षेत्रफल वगैरा की भी जानकारी दर्ज करानी होगी। किसी भी वक्फ संपत्ति को उम्मीद पोर्टल पर रजिस्टर्ड कराने की जिम्मेदारी संबंधित संपत्ति के प्रबंधक यानी मुतवल्ली पर होगी। अगर उम्मीद पोर्टल पर किसी वक्फ संपत्ति को रजिस्टर्ड नहीं कराया जाता, तो उस संपत्ति को विवादित मानकर मामला वक्फ ट्रिब्यूनल के पास भेजा जाएगा। वक्फ संशोधन एक्ट 2025 के मुताबिक कोई संपत्ति अगर महिला के नाम पर है, तो उसे वक्फ घोषित नहीं किया जा सकता। ऐसे में हर वक्फ संपत्ति की रजिस्ट्री से पहले बताना होगा कि उसकी उत्तराधिकारी कोई महिला तो नहीं है।
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