इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नेता एक तरफ अमेरिका और रूस समेत दुनिया के देशों से गुहार लगा रहे हैं कि वे भारत को हमला करने से रोकें। वहीं, पाकिस्तान की सेना लगातार भारत को उकसाने वाली गतिविधि कर रही है। पाकिस्तान की सेना ने अब सतह से सतह मार करने वाली ‘फतह’ मिसाइल का परीक्षण किया है। दो दिन पहले पाकिस्तान ने 450 किलोमीटर दूर तक मार करने में सक्षम ‘अब्दाली’ बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। पाकिस्तान की फतह मिसाइल की मूल रेंज 210 किलोमीटर है। जबकि, इसमें अतिरिक्त बूस्टर लगाने से रेंज को बढ़ाकर 300 से 400 किलोमीटर किया जा सकता है।
पाकिस्तान की सेना के पास अब्दाली और फतह मिसाइल के अलावा नस्र, गोरी और गजनवी मिसाइलें भी हैं। पाकिस्तान की सेना जब भी भारत के सामने संकट में घिरती है, तो वो इन मिसाइलों का परीक्षण करना शुरू कर देती है। वहीं, पाकिस्तान के नेता भी बिना सोच-विचार के भारत को परमाणु हमले की धमकी देने लगते हैं। दरअसल, पाकिस्तान का जन्म ही भारत विरोधी मानसिकता से हुआ है। 1971 में जब पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा टूटकर बांग्लादेश बना, तो पाकिस्तान ने भारत से सीधा युद्ध करने की जगह छद्म युद्ध का सहारा लिया। तब पाकिस्तान के नेता जुल्फिकार अली भुट्टो ने कहा था कि भले ही घास खाकर रहना पड़े, लेकिन परमाणु बम बनाएंगे।
पाकिस्तान इसके बाद मिसाइलें बनाने लगा। उसके परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान ने यूरोप से परमाणु रिएक्टर का डिजाइन चोरी किया। वहीं, माना जाता है कि पाकिस्तान को चीन से परमाणु बम का डिजाइन मिला। यहां तक कि ईरान और उत्तर कोरिया को परमाणु बम तकनीक मुहैया कराने में पाकिस्तान दोषी तक साबित हो चुका है, लेकिन भारत के अलावा किसी भी अन्य देश ने पाकिस्तान को इस गंभीर मामले में कुछ नहीं कहा। ऐसे में चीन के दम से पाकिस्तान सीना चौड़ा कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान 4 युद्धों में भारत के वीर जवानों के सामने घुटने तक टेक चुका है। 1971 की जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को युद्धबंदी बनाया था। ये एक रिकॉर्ड है।
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