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Travel Guide : बनारस की यात्रा पर हैं? इन 5 ग़लतियों से ज़रूर बचें, नहीं तो होगी परेशानी

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Travel Guide : बनारस की यात्रा पर हैं? इन 5 ग़लतियों से ज़रूर बचें, नहीं तो होगी परेशानी

News India Live, Digital Desk: Travel Guide : काशी नगरी (जिसेबनारस या वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है) सिर्फ़ एक शहर नहीं, बल्कि भारत की एक जीवंत आत्मा है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र सदियों से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर खींचता रहा है। लेकिन कई बार पहली बार आने वाले कुछ यात्री कुछ ऐसी ग़लतियाँ कर देते हैं, जो उनके काशी के अनुभव को फीका कर सकती हैं। अगर आप बनारस यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन 5 ग़लतियों से ज़रूर बचें, ताकि आपकी यात्रा अविस्मरणीय और अद्भुत बन सके:

1. आवास पहले से बुक न करना (Not Booking Accommodation in Advance):
काशी हमेशा श्रद्धालुओं और पर्यटकों से भरी रहती है, ख़ासकर त्योहारों या पीक सीज़न (अक्टूबर से मार्च) में। अगर आप ऐन मौके पर होटल या गेस्ट हाउस ढूंढेंगे, तो हो सकता है कि आपको मनपसंद जगह न मिले, या जो मिले वो बहुत महंगी हो। इससे आपकी यात्रा की शुरुआत ही परेशानी से हो सकती है।

  • सलाह: अपनी यात्रा की योजना बनाते ही, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, गोदोहलिया या लंका के पास के होटलों/गेस्ट हाउस को पहले से बुक कर लें। ये जगहें सुविधाओं और कनेक्टिविटी के लिहाज़ से सबसे बढ़िया हैं।

2. स्थानीय परंपराओं और शिष्टाचार की अनदेखी (Ignoring Local Etiquette and Traditions):
बनारस एक धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है। यहाँ के लोग अपनी परंपराओं और संस्कृति को लेकर काफ़ी गंभीर होते हैं। आपकी छोटी सी चूक से उन्हें बुरा लग सकता है।

  • सलाह: मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाते समय शालीन कपड़े पहनें (पूरी बाजू वाले और शरीर को ढकने वाले)। सार्वजनिक स्थानों पर ज़रूरत से ज़्यादा प्रेम प्रदर्शन (Public Display of Affection – PDA) से बचें। घाटों पर या मंदिरों में होने वाले अनुष्ठानों का सम्मान करें और उन्हें बाधित न करें। मंदिर में प्रवेश करते समय या प्रार्थना करते समय सिर ढँकना (विशेषकर महिलाओं के लिए) एक अच्छा और सम्मानजनक व्यवहार माना जाता है।

3. स्थानीय स्ट्रीट फ़ूड का स्वाद न लेना (Not Trying Local Street Food):
बनारस आए और यहाँ के लज़ीज़ स्ट्रीट फ़ूड का स्वाद न चखा, तो समझिए आपने कुछ खो दिया! यहाँ की खाने की गलियां स्वाद का खजाना हैं।

  • सलाह: बनारस की प्रसिद्ध कचौड़ी-सब्ज़ी, आलू चाट, टमाटर चाट, ठंडाई, मलाईयो (सर्दियों में), लस्सी और बनारसी पान का स्वाद ज़रूर लें। बस इतना ध्यान रखें कि आप जहां से खा रहे हैं, वो जगह साफ़-सुथरी हो। किसी भी संदिग्ध या अस्वच्छ दुकान से खाने से बचें।

4. मुख्य घाटों तक ही सीमित रहना (Sticking Only to Main Ghats):
दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखना या अस्सी घाट पर बैठकर सूरज उगता देखना यादगार है, लेकिन बनारस सिर्फ़ इन्हीं दो-तीन घाटों तक सीमित नहीं है।

  • सलाह: सिर्फ़ मुख्य घाटों तक ही न रुकें। सुबह नाव की सवारी करके दूसरे घाटों (जैसे हरिश्चंद्र घाट, मणिकर्णिका घाट, पंचगंगा घाट, तुलसी घाट) को देखें और उनकी ऐतिहासिक/धार्मिक महत्ता समझें। शहर की तंग गलियों में घूमकर स्थानीय बाज़ारों, छोटे-बड़े मंदिरों (जैसे दुर्गा मंदिर, नेपाली मंदिर, काशी विश्वनाथ गलियारा) और हथकरघा बुनकरों के काम को देखें। यहाँ का हर कोना एक कहानी कहता है।

5. स्थानीय परिवहन के विकल्पों को अनदेखा करना (Ignoring Local Transportation Options):
अगर आप बनारस में हर जगह के लिए महंगी टैक्सी या प्राइवेट ऑटो लेंगे तो जेब पर भारी पड़ सकता है और आपको शहर का असली अनुभव भी नहीं मिलेगा।

  • सलाह: घाटों पर चलने के लिए पैदल चलना सबसे अच्छा है, इससे आप शहर की धड़कन महसूस कर पाएंगे। कम दूरी के लिए शेयरिंग ऑटो या ई-रिक्शा (रिक्शा, ई-रिक्शा) का इस्तेमाल करें, ये काफ़ी किफायती होते हैं। और हाँ, ऑटो या रिक्शा लेते समय किराए के लिए पहले से मोलभाव कर लें, नहीं तो आपको ज़्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं। गंगा नदी पर घूमने के लिए नाव किराए पर लेना एक शानदार अनुभव हो सकता है, लेकिन दर तय करके ही चलें।

इन ग़लतियों से बचकर आप काशी की अपनी यात्रा को एक यादगार और बेहतरीन अनुभव बना सकते हैं। तो जब भी बनारस की यात्रा का प्लान करें, इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें। आपकी यात्रा शुभ हो!

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