Reliance Power
Reliance Power : रिलायंस पावर ने सोमवार को घोषणा की कि उसकी सहायक कंपनी रिलायंस एनयू एनर्जीज ने एसजेवीएन की टैरिफ आधारित नीलामी में सबसे बड़ी हिस्सेदारी जीती है। कंपनी को 350 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन और 175 मेगावाट/700 मेगावाट घंटा बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) का आवंटन प्राप्त हुआ है। 12 मई 2025 को कंपनी का शेयर ₹38.65 के बंद भाव के मुकाबले ₹42.40 पर खुला। इसके बाद शेयर 10 प्रतिशत बढ़कर नई ऊंचाई पर पहुंच गया। ऊपरी सर्किट सीमा ₹46.38 है। सुबह 10 बजे शेयर 43 रुपए को पार कर गया।
यह शेयर तीन महीने में 10 प्रतिशत और एक साल में 75 प्रतिशत बढ़ा है। इस शेयर ने तीन साल में 250 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। एफआईआई की खरीदारी जारी है। दिसंबर की तुलना में मार्च 2025 तक यह हिस्सा 12.96 प्रतिशत से बढ़कर 13.21 प्रतिशत हो गया है।
भारत की सबसे बड़ी सौर + बीईएसएस परियोजना
रिलायंस पावर के पोर्टफोलियो में 600 मेगावाट पीक सौर स्थापित क्षमता और 700 मेगावाट घंटा ऊर्जा भंडारण जोड़ा जाएगा। इससे कंपनी की कुल स्वच्छ ऊर्जा पाइपलाइन 2.5 GWp सौर और >2.5 GWh BESS तक पहुंच गई है, जिससे यह भारत में सबसे बड़ी सौर + बैटरी भंडारण कंपनी बन गई है।
टैरिफ और लागत का विशेष उल्लेख
इस परियोजना के लिए विजेता टैरिफ 3.33 रुपए प्रति यूनिट (kWh) निर्धारित किया गया है, जो अगले 25 वर्षों तक स्थिर रहेगा। इसे भारत के ऊर्जा संक्रमण मॉडल में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों में से एक माना जाता है। यह परियोजना बिल्ड-ऑन-ऑपरेट (बीओओ) मॉडल पर विकसित की जाएगी।
एसजेवीएन की नीलामी बड़ी सफल रही
यह परियोजना 1,200 मेगावाट सौर + 600 मेगावाट / 2,400 मेगावाट घंटा बीईएसएस आईएसटीएस कनेक्टेड निविदा का हिस्सा थी। निविदा में 19 संस्थाओं ने भाग लिया, जिनमें से 18 ई-रिवर्स नीलामी के लिए अर्हता प्राप्त कर लीं। निविदा के लिए 4 गुना से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जो इस क्षेत्र में बैटरी-आधारित नवीकरणीय ऊर्जा की मजबूत मांग को दर्शाता है।
डिस्कॉम्स को विश्वसनीय बिजली मिलेगी:
इस परियोजना के लिए प्रतिदिन कम से कम 4 घंटे की बैटरी डिस्चार्ज विंडो की आवश्यकता होती है। इससे राज्य वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को व्यस्त समय के दौरान विश्वसनीय हरित विद्युत आपूर्ति मिल सकेगी।
SECI के साथ एक और बड़ा सौदा:
रिलायंस एनयू एनर्जीज की 100% स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस एनयू सनटेक ने हाल ही में एसईसीआई के साथ 25 साल के विद्युत क्रय समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह परियोजना एशिया की सबसे बड़ी सौर + बीईएसएस परियोजना होगी। 930 मेगावाट सौर + 465 मेगावाट / 1860 मेगावाट घंटा बैटरी भंडारण। कुल अनुमानित निवेश: ₹10,000 करोड़। निश्चित शुल्क: ₹3.53/kWh (25 वर्षों के लिए)
रिलायंस पावर की ये दोनों परियोजनाएं न केवल कंपनी के रणनीतिक हरित ऊर्जा परिवर्तन को मजबूत करेंगी, बल्कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को भी बढ़ावा देंगी। एसजेवीएन नीलामी में बड़ी जीत और एसईसीआई के साथ मेगा पीपीए ने रिलायंस को भारत में सबसे बड़ी एकीकृत सौर + भंडारण ऊर्जा कंपनियों में से एक के रूप में स्थापित किया है।
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