नई दिल्ली:प्रकृति हमें आश्चर्यचकित करने का कोई न कोई तरीका ढूंढ ही लेती है। ऐसे ही एक अविश्वसनीय क्षण में, एक 'लापता' शिकारी ने रेगिस्तान के बंजर विस्तार में अपनी झलक दिखाई है, जिसका वन्यजीव प्रेमी और वैज्ञानिक पिछले 30 वर्षों से इंतज़ार कर रहे थे।हम बात कर रहे हैं रहस्यमयी और खूबसूरत कैराकल बिल्ली की, जिसे उसके काले कानों के कारण फ़ारसी और हिंदी में 'सियाहघोष' भी कहा जाता है। 30 साल बाद इसका दिखना सिर्फ़ एक खबर नहीं, बल्कि वन्यजीवों के लिए एक बड़ी उम्मीद की किरण है।कौन है यह रहस्यमयी'जंगल का जासूस'?लकड़बग्घा कोई आम जंगली बिल्ली नहीं है। यह एक असाधारण शिकारी है, जो अपनी अविश्वसनीय गति और ताकत के लिए जाना जाता है।11 फीट की चमत्कारिक छलांग: इसकी सबसे बड़ी खासियत हवा में उड़कर पक्षियों का शिकार करना है। यह बिना किसी सहारे के सीधे 11-12 फीट ऊंची छलांग लगा सकता है और हवा में ही अपने शिकार को पकड़ लेता है। यह नजारा किसी 'सुपरहीरो' की छलांग जैसा लगता है।'स्याहगोश' नाम का रहस्य: इसके लंबे, नुकीले कानों पर काले बालों का एक गुच्छा होता है, जो एंटीना जैसा दिखता है। इसीलिए इसे 'स्याहगोश' यानी 'काले कान वाला' कहा जाता है।रेगिस्तान का बेताज बादशाह: इसका रेतीला रंग इसे रेगिस्तान में आसानी से छिपने में मदद करता है, जिसकी वजह से यह एक बेहतरीन शिकारी बनता है। यह एक बेहद दुर्लभ और शर्मीला जानवर है, जो इंसानों से दूर रहना पसंद करता है।क्यों है इसका दिखना इतनी बड़ी बात?वनों की कटाई और मनुष्यों द्वारा अवैध शिकार के कारण कैराकल बिल्ली की आबादी तेज़ी से घट रही थी। पिछले 30 वर्षों में, इसके कम दिखाई देने के कारण, विशेषज्ञों का मानना था कि यह इस क्षेत्र से पूरी तरह से लुप्त हो गई होगी।ऐसे में, 30 वर्षों के लंबे इंतज़ार के बाद इसका फिर से दिखना इस बात का प्रमाण है कि पर्यावरण में सुधार हो रहा है और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयास रंग ला रहे हैं। यह उन पर्यावरणविदों और वन विभाग के अधिकारियों के लिए एक बड़ी जीत है, जो इन मूक जीवों को बचाने के लिए चुपचाप काम कर रहे हैं।इस एक बार के दर्शन ने न केवल वन्यजीव प्रेमियों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है, बल्कि यह उम्मीद भी जगाई है कि अगर हम प्रयास करें, तो प्रकृति को उसकी खोई हुई सुंदरता वापस दिला सकते हैं।
You may also like
Asia Cup 2025: यूएई कप्तान मुहम्मद वसीम के नाम दर्ज हुआ ये खास रिकॉर्ड
केला बनाम खजूर: सेहत का असली सुपरस्टार कौन
कांदिवली में सट्टेबाज गिरफ़्तार, इंडिया-पाकिस्तान एशिया कप मैच पर लगवा रहा था दांव
खेल में वैशाली और आनंदकुमार की ऐतिहासिक उपलब्धियां, राजनेताओं ने की सराहना
जोधपुर पहुंचे सोनू सूद, कहा, 'यहां आने पर अपनापन महसूस होता है'