News India live, Digital Desk: Oil price fall : एक खबर और दुनिया भर के बाजारों में हलचल! अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट ला दी, जिससे शेयर बाजारों में खुशी की लहर दौड़ गई।
क्या था ट्रंप का दावा?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर यह दावा किया कि इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम (Ceasefire) हो गया है। हालांकि इस खबर की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन सिर्फ इस दावे ने ही बाजार का मूड बदल दिया।
मध्य-पूर्व में तनाव की वजह से कच्चे तेल के दाम लगातार बढ़ रहे थे, क्योंकि निवेशकों को डर था कि लड़ाई बढ़ने से तेल की सप्लाई पर असर पड़ेगा। लेकिन जैसे ही ट्रंप ने शांति की बात की, यह डर कम हो गया और कच्चे तेल के दाम तुरंत गिर गए। ब्रेंट क्रूड ऑयल लगभग 2 डॉलर प्रति बैरल तक सस्ता हो गया।
इसका भारत और आप पर क्या असर पड़ता है?
आप सोच रहे होंगे कि इजरायल-ईरान की लड़ाई से हमारा क्या लेना-देना? लेकिन इसका सीधा असर हमारी जेब पर पड़ता है। आइए समझते हैं कैसे:
तेल का खेल: भारत अपनी जरूरत का ज्यादातर कच्चा तेल बाहर से खरीदता है। जब तेल सस्ता होता है, तो भारत का खर्च कम हो जाता है, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है।
महंगाई पर लगाम: सस्ता कच्चा तेल मतलब सस्ता पेट्रोल-डीजल। जब ट्रांसपोर्ट का खर्चा कम होता है, तो सब्जियां, फल और बाकी सामान भी सस्ते हो जाते हैं, जिससे महंगाई घटती है।
शेयर बाजार में तेजी: जब महंगाई कम होती है और देश का पैसा बचता है, तो कंपनियां ज्यादा मुनाफा कमाती हैं। इससे निवेशक खुश होते हैं और शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं, जिससे बाजार में तेजी आती है।
भले ही ट्रंप का दावा सच हो या न हो, लेकिन इस घटना से यह साफ हो गया है कि मध्य-पूर्व में शांति की एक छोटी सी उम्मीद भी दुनिया भर के बाजारों और हमारी अर्थव्यवस्था के लिए कितनी बड़ी राहत ला सकती है।
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