काबुल: अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान ने जंग-जंग चिल्ला रहे पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। तालिबान सरकार के प्रवक्ता मौलवी जबीहुल्लाह मुजाहिद ने जोर देकर कहा है कि अफगान सरकार बातचीत के ज़रिए मुद्दों को सुलझाने को प्राथमिकता देती है और किसी भी देश या संस्था के साथ संघर्ष के लिए इच्छुक नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन, अगर जंग थोपी गई तो इस्लामिक अमीरात सरकार इसका करारा जवाब देगी। तालिबान का यह बयान पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के जंग की धमकी के बाद आया है। ख्वाजा आसिफ ने धमकाते हुए कहा था कि अगर तुर्की में तालिबान के साथ सहमति नहीं बनी तो युद्ध का विकल्प खुला हुआ है।
तालिबान ने पाकिस्तान से क्या कहा
मौलवी ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने ख्वाजा आसिफ के बयान पर कहा, "अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता पर किसी भी तरह के उल्लंघन का उचित जवाब दिया जाएगा, और अफगानों को आत्मरक्षा का अधिकार है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान का दावा है कि तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की धरती तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनी हुई है, जहां से वे पाकिस्तान के अंदर हमले कर रहे हैं। तालिबान ने इन दावों को हमेशा खारिज किया है।
तालिबान से क्या चाह रहा पाकिस्तान
वर्तमान में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीत तुर्की में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता चल रही है। इस वार्ता को शुरू हुए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन दोनों पक्षों में कई मुद्दों पर गतिरोध जारी है। पाकिस्तान टीटीपी के खिलाफ तालिबान के समर्थन की मांग कर रहा है। वहीं, तालिबान अफगानिस्तान में टीटीपी की मौजूदगी से इनकार कर रहा है और इसे पाकिस्तान का अंदरूनी मामला बता रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान की प्रमुख मांग अफगानिस्तान से भारत को दूर रखने की भी है, जिसका तालिबान ने कड़ा विरोध किया है।
तालिबान ने पाकिस्तान से क्या कहा
मौलवी ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने ख्वाजा आसिफ के बयान पर कहा, "अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता पर किसी भी तरह के उल्लंघन का उचित जवाब दिया जाएगा, और अफगानों को आत्मरक्षा का अधिकार है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान का दावा है कि तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की धरती तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनी हुई है, जहां से वे पाकिस्तान के अंदर हमले कर रहे हैं। तालिबान ने इन दावों को हमेशा खारिज किया है।
तालिबान से क्या चाह रहा पाकिस्तान
वर्तमान में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीत तुर्की में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता चल रही है। इस वार्ता को शुरू हुए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन दोनों पक्षों में कई मुद्दों पर गतिरोध जारी है। पाकिस्तान टीटीपी के खिलाफ तालिबान के समर्थन की मांग कर रहा है। वहीं, तालिबान अफगानिस्तान में टीटीपी की मौजूदगी से इनकार कर रहा है और इसे पाकिस्तान का अंदरूनी मामला बता रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान की प्रमुख मांग अफगानिस्तान से भारत को दूर रखने की भी है, जिसका तालिबान ने कड़ा विरोध किया है।
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