इस्लामाबाद: पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि इसमें पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है। लेकिन भारतीय अधिकारियों को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की बातों पर यकीन नहीं है। इस आतंकी हमले में 28 पर्यटक मारे गये हैं और भारत सरकार पर एक्शन लेने का भारी प्रेशर है। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारतीयों के मन में भारी गुस्सा है। ये आतंकी घटना तब हुई है, जब पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने भारत और कश्मीर के खिलाफ जहर उगला था। उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान के लिए 'गले का नस' बताया था। मुंबई 26/11 हमले के बाद देश के आम नागरिकों पर किए गये सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक है। पहलगाम हमले पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल से कहा कि "हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। हम हर तरह के आतंकवाद को खारिज करते हैं।" इसके अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि "हम अनंतनाग जिले में हुए हमले में पर्यटकों की जान जाने से चिंतित हैं... हम मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।" लेकिन हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान के बयान में चिंता थी, लेकिन निंदा नहीं। पाकिस्तान के बयान में 'आतंकवादी' शब्द शामिल नहीं था। असीम मुनीर की बहुत खतरनाक साजिशबहुत संभावना है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़े। प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा को लेकर बैठक की है, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भाग लिया है। लिहाजा एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर बहुत खतरनाक चाल चल रहा है। दिल्ली डिफेंस के डायरेक्टर सौरभ झा भी इसी बात से इत्तेफाक रखते हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि "पाकिस्तानी सेना को संकट की जरूरत है क्योंकि उसके ऊपर बहुत गंभीर आंतरिक दबाव में है। चीन को 'दक्षिण एशिया' के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की जरूरत है और उनके परमाणु हथियार संपन्न आतंकवादी प्रॉक्सी इसके लिए एकदम सही हैं। इसलिए, कुछ ऐसा करें, जिसके लिए काफी आक्रामक प्रतिक्रिया आए।" अगर भारत पाकिस्तान के खिलाफ कोई एक्शन लेता है, तो असीम मुनीर अपनी इस बात को साबित कर सकते हैं कि पाकिस्तानी सेना के लिए बजट कितना जरूरी है, भले ही आम जनता भूखी रहे।
भारत के साथ तनाव बढ़ता है कि असीम मुनीर राष्ट्रवाद के रथ पर सवार होकर अपनी आंतरिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा असीम मुनीर ये भी जानते हैं कि युद्ध के हालात में शहबाज शरीफ को सत्ता से बर्खास्त कर देश में सैन्य शासन लागू करना काफी आसान होगा। पाकिस्तान के खिलाफ हालिया समय में जिस तरह से बलूच विद्रोहियों ने युद्ध शुरू किया है और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने जिस बेरहमी से पाकिस्तानी सैनिकों का कत्लेआम किया है, उसके बाद पाकिस्तान में भी गुस्सा है। लोग असीम मुनीर से सवाल पूछ रहे हैं। लिहाजा एक संकट उत्पन्न कर असीम मुनीर इससे बच निकलने का रास्ता खोज रहे हैं। सौरभ झा ने लिखा है कि "यह अमेरिकियों के लिए भी एक परीक्षा होगी। आने वाले हफ्ते यह साबित करेंगे कि 'वैश्विक आतंकवाद' के प्रति उनकी नीति में कोई वास्तविक बदलाव आया है या नहीं।" चीन को क्या होगा तनाव से फायदा?वहीं सौरभ झा चीन को लेकर बहुत महत्वपूर्ण बात का जिक्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि "चीन के लिए भी यह बिल्कुल सही समय है। संकट को बढ़ाने और भारत के निवेश जोखिम प्रोफाइल को बढ़ाने के लिए इससे बेहतर समय और क्या हो सकता है, जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं चीन से दूर जा रही हैं और भारत को एक वास्तविक दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।" उन्होंने लिखा है कि 'चीन और पाकिस्तान, दोनों ये जानते हैं कि भारत की प्रकृति जवाब नहीं देने की रही है। ऐसे में वो जानते हैं कि ये दोनों पक्षों के लिए जीत वाली स्थिति होगी। लिहाजा भारत को काफी सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए, ताकि वो अपना खेल खेल ना पाएं।' सौरभ झा की बातों में काफी दम लगता है, क्योंकि कई अमेरिकी कंपनियां अमेरिका से चल रहे ट्रेड वार के बीच भारत आना चाह रही हैं। ऐसे में अगर आतंकवादी घटनाओं में इजाफा होता है तो भारत के हाथों से निवेश निकल सकता है। लिहाजा भारत को सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।Both Chicom and Pak also know that 'not retaliate' has its own costs for India, both politically and geopolitically. They think this is a win-win proposition. We must retaliate kinetically, but do it in a way that they have not gamed properly.
— Saurav Jha (@SJha1618) April 23, 2025
You may also like
पहलगाम हमला: भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की, अटारी बॉर्डर भी बंद
पंजाब : कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने बरनाला अनाज मंडी का दौरा कर गेंहू खरीद प्रबंधन का लिया जायजा
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, राजनाथ सिंह करेंगे अध्यक्षता
सैमसंग वियतनाम से भारत ला सकती है मैन्युफैक्चरिंग, अमेरिकी टैरिफ से बचने की तैयारी?
विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटा दिया है, क्यों? सीखना