तेहरान: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने अमेरिका को लेकर एक बार फिर कड़ा रुख दिखाया है। खामेनेई ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि ईरान उसके सामने झुक जाए। वह तेहरान में अपने इशारे के लोग चाहता है लेकिन ये कभी नहीं होगा। उन्होंने अमेरिकी प्रयासों का मुकाबला करने के लिए ईरानियों से एकजुटता का आह्वान किया है। खामेनेई का बयान ऐसे समय आया है, जब ईरानी नेता अपने परमाणु कार्यक्रम पर यूरोप के नेताओं से मुलाकात की तैयारी कर रहे हैं।
खामेनेई की वेबसाइट पर रविवार को उनका बयान जारी हुआ है। इसमें खामेनेई ने अमेरिका और इजरायल के लिए सख्त भाषा का इस्तेमाल किया है। उनका यह बयान ईरान और इजरायल के बीच 12 दिवसीय युद्ध रुकने के ठीक दो महीने बाद आया है। 13 से 24 जून तक इजरायल और ईरान में लड़ाई हुई थी। इस दौरान अमेरिका ने इजरायल के समर्थन में उतरते हुए ईरान पर बमबारी की थी।
ईरान में अशांति फैलाने की कोशिशअली खामेनेई ने कहा, 'जून में इजरायल और अमेरिका के हमले ईरान को अस्थिर करने के लिए किए गए थे। इसका पता इससे चलता है कि इजरायल के ईरान पर हमले के एक दिन बाद ही अमेरिकी एजेंट यूरोप में मिले थे। वह इस बात पर चर्चा करने के लिए मिले थे कि मौजूदा सरकार गिरने के बाद ईरान पर किसका शासन होगा।'
खामेनेई ने दावा किया कि अमेरिका किसी भी तरह तेहरान में ऐसी सरकार चाहता है, जो उसकी कठपुतली हो। उन्होंने कहा कि अमेरिका को ईरान में कामयाबी नहीं मिलेगी। देश जून में हुए 12-दिवसीय युद्ध के बाद मजबूती से उभरा है। ईरान ने फौज और सरकार के साथ मजबूती से खड़े होकर अपने दुश्मनों (अमेरिका-इजरायल) को झटका दिया है।
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हमें बांटना चाहता है अमेरिकाईरान के सबसे ताकतवर शख्स खामेनेई ने कहा कि अमेरिका और इजरायल उनके देश को बांटने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा, 'दुश्मन के लिए आगे बढ़ने का रास्ता ईरान में कलह पैदा करना है और इसके लिए वह लगे हुए हैं। उनको नहीं पता है कि देश की रक्षा और दुश्मन के खिलाफ खड़े होने की बात आती है तो ईरानी लोग एकजुट हैं।'
ईरान की अगले हफ्ते यूरोप के नेताओं से परमाणु कार्यक्रम पर बात होनी है। ईरान मंगलवार को ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के साथ परमाणु वार्ता के लिए बैठक करने वाला है। अमेरिका और ईरान में ये बातचीत इजरायल के हमले से रुक गई थी। तेहरान और वॉशिंगटन के बीच परमाणु कार्यक्रम की छठे दौर की वार्ता से ठीक पहले इजरायल ने हमला किया था।
खामेनेई की वेबसाइट पर रविवार को उनका बयान जारी हुआ है। इसमें खामेनेई ने अमेरिका और इजरायल के लिए सख्त भाषा का इस्तेमाल किया है। उनका यह बयान ईरान और इजरायल के बीच 12 दिवसीय युद्ध रुकने के ठीक दो महीने बाद आया है। 13 से 24 जून तक इजरायल और ईरान में लड़ाई हुई थी। इस दौरान अमेरिका ने इजरायल के समर्थन में उतरते हुए ईरान पर बमबारी की थी।
ईरान में अशांति फैलाने की कोशिशअली खामेनेई ने कहा, 'जून में इजरायल और अमेरिका के हमले ईरान को अस्थिर करने के लिए किए गए थे। इसका पता इससे चलता है कि इजरायल के ईरान पर हमले के एक दिन बाद ही अमेरिकी एजेंट यूरोप में मिले थे। वह इस बात पर चर्चा करने के लिए मिले थे कि मौजूदा सरकार गिरने के बाद ईरान पर किसका शासन होगा।'
खामेनेई ने दावा किया कि अमेरिका किसी भी तरह तेहरान में ऐसी सरकार चाहता है, जो उसकी कठपुतली हो। उन्होंने कहा कि अमेरिका को ईरान में कामयाबी नहीं मिलेगी। देश जून में हुए 12-दिवसीय युद्ध के बाद मजबूती से उभरा है। ईरान ने फौज और सरकार के साथ मजबूती से खड़े होकर अपने दुश्मनों (अमेरिका-इजरायल) को झटका दिया है।
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हमें बांटना चाहता है अमेरिकाईरान के सबसे ताकतवर शख्स खामेनेई ने कहा कि अमेरिका और इजरायल उनके देश को बांटने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा, 'दुश्मन के लिए आगे बढ़ने का रास्ता ईरान में कलह पैदा करना है और इसके लिए वह लगे हुए हैं। उनको नहीं पता है कि देश की रक्षा और दुश्मन के खिलाफ खड़े होने की बात आती है तो ईरानी लोग एकजुट हैं।'
ईरान की अगले हफ्ते यूरोप के नेताओं से परमाणु कार्यक्रम पर बात होनी है। ईरान मंगलवार को ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के साथ परमाणु वार्ता के लिए बैठक करने वाला है। अमेरिका और ईरान में ये बातचीत इजरायल के हमले से रुक गई थी। तेहरान और वॉशिंगटन के बीच परमाणु कार्यक्रम की छठे दौर की वार्ता से ठीक पहले इजरायल ने हमला किया था।
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