ऑपरेशन सिंदूर शुरू होगा या नहीं, इसे जानने के लिए किसी सूत्र की तरफ मुंह ताकने की जरूरत नहीं है, बल्कि पिछले पांच महीने के टाइमलाइन पर बस एक नजर मारने भर की देर है। भारतीय सेना ने 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर के स्थगित होने के बाद से नॉनस्टॉप युद्धाभ्यास किए हैं। थल सेना, नौसेना और वायुसेना ने शायद ही कोई ऐसा दिन रहा हो, जिस दिन कोई हथियार परीक्षण, कोई मिसाइल टेस्ट या युद्ध को लेकर कोई नया अभ्यास ना किया हो। जबकि इस दौरान पाकिस्तान में नये आतंकी शिविरों का बनना फिर शुरू हो चुका है और ऐसी रिपोर्ट है कि चीन ने पाकिस्तान को नये एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई की है, जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तबाह कर दिया था।
Complex scenarios and synchronised multi-domain operations involving 20-25 surface and subsurface assets including amphibious platforms of the Indian Navy, more than 40 aircraft with associated ground based assets of Indian Air Force, over 30,000 personnel and equipment of the… pic.twitter.com/ckCBtM8zvw
— ANI (@ANI) November 10, 2025
भारत की तीनों सेनाओं का नॉनस्टॉप मिलिट्री ड्रिल
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सेनाएं रुकने या दो पल ठहरकर सांस लेने के बजाय काफी आक्रामकता के साथ सैन्य अभियान चला रही है। पिछले 6 महीने में भारत ने करीब 20 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय और घरेलू सैन्य अभ्यास किए हैं, यानी हर महीने 3 और हर 10 दिन में भारत ने एक युद्धाभ्यास किया है। इस दौरान भारतीय सेना ने अमेरिका के साथ 'टाइगर क्लॉ', मंगोलिया के साथ 'नोमैडिक एलीफैंट', प्रांस के साथ 'ऑपरेशन शक्ति', श्रीलंका के साथ 'मित्र शक्ति', मिस्र के साथ 'ब्राइट स्टार-2025' जैसे युद्धाभ्यास किए हैं और इस दौरान भारत ने अपने सबसे एडवांस हथियारों और विमानों का प्रदर्शन किया है, जिनमें राफेल फाइटर जेट और Su-30MKI शामिल रहे हैं।
1- भारत ने पहला युद्धाभ्यास 10 मई के युद्धविराम के ठीक 15 दिन बाद शुरू किया था। 26 मई को भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो और अमेरिकी विशेष अभियान बलों ने चंडीगढ़ एयर बेस पर टाइगर क्लॉ अभ्यास (26 मई - 10 जून, 2025) में भाग लिया।
2- मंगोलिया के उलानबटार में भारत-मंगोलिया द्विपक्षीय युद्ध अभ्यास नोमैडिक एलिफेंट XV (31 मई - 13 जून, 2025) आयोजित किया गया।
3- इसके बाद फ्रांस के साथ शक्ति अभ्यास (18 जून - 1 जुलाई, 2025)
4- सिंगापुर के साथ सिम्बेक्स 2025 (28 जुलाई - 1 अगस्त, 2025)
5- श्रीलंकाई नौसेना के साथ स्लिनेक्स 2025 (14 - 18 अगस्त, 2025)
6- श्रीलंकाई सेना के साथ मित्र शक्ति (12 - 25 अगस्त, 2025) आयोजित किए गए हैं।
7- सितंबर में, भारत ने ब्राइट स्टार 2025 में भाग लिया, जो मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में अमेरिका के नेतृत्व वाले बहुपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास में 43 देशों की सेनाओं के साथ उसकी पहली भागीदारी थी, जिसमें लाइव-फायर अभ्यास और हवाई-ज़मीनी एकीकरण शामिल था।
इसके अलावा, भारत ने थाईलैंड के साथ अभ्यास मैत्री XIV (1-14 सितंबर 2025), अलास्का में अमेरिकी सेना के साथ युद्ध अभ्यास 2025 (1-14 सितंबर 2025), बेलारूस में जैपड 2025 (10-16 सितंबर 2025), ब्रिटिश नौसेना के साथ कोंकण 2025 (जिसमें Su-30MKI जेट विमानों ने स्टील्थ F-35 लड़ाकू विमानों के खिलाफ हवाई अभियान चलाया था), ऑस्ट्रेलियाई सेना के साथ ऑस्ट्राहिंड 2025 और क्वाड देशों के साथ चल रहे मालाबार 2025 में भी भाग लिया है।
भारत ने ओशियन स्काई 2025 (20-31 अक्टूबर 2025) में भी हिस्सा लिया है। गैंडो एयर बेस पर स्पेन द्वारा आयोजित इस बहुराष्ट्रीय हवाई युद्ध अभ्यास में 15 देशों के यूरोफाइटर्स के साथ राफेल ने डॉगफाइट सिमुलेशन, SEAD और ईंधन भरने के अभियानों में भाग लिया। करीब 50 भारतीय पायलटों ने BVR क्षमता का प्रदर्शन किया है।
अगस्त में, भारत ने अरुणाचल प्रदेश में घरेलू भारतीय सेना अभ्यास, युद्ध कौशल 3.0 का आयोजन किया, जिसमें युद्ध अभ्यास के लिए AI-संचालित ड्रोन और एआर/वीआर जैसी अगली पीढ़ी की तकनीक को एकीकृत किया गया, जिसमें पूर्वी कमान के 5000 सैनिक शामिल थे। वहीं, घरेलू स्तर पर 'युद्ध कौशल 3.0', 'दिव्य दृष्टि', और 'त्रिशूल' जैसे अभ्यासों में ड्रोन, एआई-आधारित टारगेटिंग सिस्टम और मल्टी-डोमेन वारफेयर की क्षमताओं को परखा गया है।
इन युद्धाभ्यासों से सिर्फ इसका अंदाजा नहीं लगाया जाना चाहिए कि ये सिर्फ युद्धाभ्यास हैं, बल्कि ये समझा जाना चाहिए कि भारतीय सेना जानती है कि अगला युद्ध बेहद करीब है।
𝐖𝐢𝐧𝐠𝐬 𝐨𝐟 𝐕𝐢𝐜𝐭𝐨𝐫𝐲: Exercise 𝐘𝐮𝐝𝐡 𝐊𝐚𝐮𝐬𝐡𝐚𝐥 𝟑.𝟎 𝐒𝐞𝐭𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐚𝐭𝐭𝐥𝐞𝐟𝐢𝐞𝐥𝐝 𝐀𝐛𝐥𝐚𝐳𝐞!
— Gajraj Corps - Indian Army (@GajrajCorps_IA) August 30, 2025
In the unforgiving terrain & challenging weather conditions of the Eastern Himalayas #GOC #GajrajCorps_IA witnessed Exercise Yudh Kaushal 3.0 wherein… pic.twitter.com/9VARDwZmZg
मिसाइल टेस्ट और हथियारों की रफ्तार
भारत ने मई महीने से लेकर अब तक रिकॉर्ड तोड़ मिसाइल और एयर डिफेंस टेस्ट किए हैं। 'अग्नि-5' और 'अग्नि-प्राइम' जैसे परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से लेकर, IADWS (Integrated Air Defence Weapon System) और लेजर-बेस्ड हथियारों तक, करीब करीब हर श्रेणी के मिसाइल सिस्टम का टेस्ट कर लिया है। इस दौरान DRDO ने AI-ड्रिवन ड्रोन, हाई-पावर DEW (डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स- ड्रोन स्वार्म हमलों को रोकने के लिए) और QRSAM जैसी स्वदेशी प्रणालियों की क्षमता को भी परखा है। इन सबका संकेत शीशे की तरफ साफ है कि भारत एक फुल-स्केल युद्ध की उम्मीद कर रहा है और उसी की तैयारी चल रही है। सबसे खास बात ये है कि भारत की तैयारी अब दुश्मनों के हमलों को रोकने की नहीं है, बल्कि भारत की तैयारी से पता चलता है कि ये तैयारी 'पहला हमला करने' या हमले के जवाब में 'प्रतिक्रियात्म हमला' करने की है।
India has carried out the successful launch of Intermediate Range Agni-Prime Missile from a Rail based Mobile launcher system. This next generation missile is designed to cover a range up to 2000 km and is equipped with various advanced features.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 25, 2025
The first-of-its-kind launch… pic.twitter.com/00GpGSNOeE
इस महीने की शुरुआत में भारतीय सेना प्रमुख ने स्ट्राइक कोर की क्षमताओं का आकलन करने के लिए अंबाला का दौरा किया था, जिसमें झुंड में आने वाले ड्रोन, कामिकेज ड्रोन, एंटी-ड्रोन सिस्टम और आधुनिक युद्ध अभ्यास से संबंधित अन्य मानव रहित हवाई वाहन (यूएएस) की तैयारियों का जायजा लिया है। वहीं, सितंबर में भारत ने दिखाया कि वह परमाणु-सक्षम अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल को रेल से लॉन्च कर सकता है, जिससे अब दुश्मनों में डर रहेगा कि भारत अपनी 60,000 किलोमीटर से ज्यादा रेल नेटवर्क से इसे कहीं से भी लॉन्च कर सकता है।
अक्टूबर महीने में भारत ने मध्य प्रदेश में थलसेना-नौसेना-वायुसेना का संयुक्त अभ्यास किया, जिसमें एडवांस ड्रोन, मानवरहित हवाई प्रणालियों (सी-यूएएस) और वायु रक्षा एकीकरण का परीक्षण किया गया। भारत ने 15-17 अक्टूबर तक बंगाल की खाड़ी में एक और नोटम जारी किया, जिससे एक लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के एक और परीक्षण का संकेत मिला। यानि, फिर से, ये तैयारियां आम नहीं है, ये बिल्कुल युद्ध की तैयारियां हैं और सेनाएं ऐसा युद्धाभ्यास तभी करती हैं, जब युद्ध की आशंका वास्तविक बन जाए।
भारतीय नेताओं, सैन्य नेतृत्व के आक्रामक बयान
भारत के नेता तो पाकिस्तान के खिलाफ सख्त बयान देते रहे हैं, लेकिन मई महीने के संघर्ष के बाद एक चीज देखने को मिली है। पहली बार हमारे सैन्य लीडर्स ने आक्रामक बयान दिए हैं। भारत में ऐसा अभी तक होना दुर्लभ था। भारतीय नागरिक और सैन्य नेतृत्व की तरफ से पाकिस्तान का भूगोल बदलने जैसे बयान जारी करना अभी तक दुर्लभ रहा है। लेकिन हाल के दिनों में ऐसे कई बयान दिए गए हैं, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का संकेत देते हैं।
2 अक्टूबर को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर क्रीक क्षेत्र को लेकर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी और कहा था कि "इस क्षेत्र में पाकिस्तान का कोई भी दुस्साहस भारत की कड़ी प्रतिक्रिया को न्योता देगा, जो इतिहास और भूगोल दोनों बदल सकता है।" राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी थी कि "पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची जाने का एक रास्ता सर क्रीक से होकर गुजरता है।" उन्होंने कहा था कि "अगर पाकिस्तान सर क्रीक क्षेत्र में कार्रवाई करने की हिम्मत करता है, तो उसका जवाब इतना कड़ा होगा कि वह इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगा। 1965 में, भारतीय सेना ने लाहौर पहुंचकर साहस दिखाया था और 2025 में, पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची जाने का रास्ता भी सर क्रीक से होकर गुजरता है।"
3 अक्टूबर को भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत के पश्चिमी पड़ोसी को राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकना होगा अन्यथा उसका ऐतिहासिक और भौगोलिक अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने कहा था कि "अगर पाकिस्तान विश्व इतिहास और भूगोल में अपनी जगह बनाए रखना चाहता है, तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकना होगा। हम इस बार ऑपरेशन सिंदूर 1.0 की तरह कोई संयम नहीं दिखाएंगे और अगर दोबारा उकसाया गया तो एक कदम और आगे बढ़ेंगे।"
पाकिस्तान भी कर रहा युद्ध की तैयारियां
सरहद के दूसरी तरफ पाकिस्तान ने भी पिछले पांच महीने में कई तरह की तैयारियां की हैं। पाकिस्तान ने हाल ही में शाहीन-III, फतह-IV और एक अज्ञात हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है। साथ ही, एक नए संविधान संशोधन के तहत पाकिस्तान में 'कमांडर ऑफ डिफेंस फोर्सेज’ (CDF) का पद बनाया जा रहा है, जिससे जनरल आसिम मुनीर को तीनों सेनाओं पर सीधा नियंत्रण मिलेगा। इसके अलावा आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने "जमात-उल-मोमिनात" नाम की महिला आत्मघाती विंग बनाई है, जो भारत को अस्थिर करने की नई रणनीति बताई जा रही है। इसीलिए अगर दिल्ली में हुआ धमाका, आतंकी घटना साबित होता है, तो मोदी सरकार का जवाब पहले से कहीं ज्यादा कठोर और निर्णायक हो सकता है। और शायद आपरेशन 2.0 की शुरूआत हो सकती है।
You may also like

₹8800000000000000 की संपत्ति... साल 2029 तक कई गुना बढ़ेगी अमीर परिवारों की दौलत, लेकिन अगली पीढ़ी रहेगी कंगाल!

बिहार चुनाव के दूसरे चरण में मतदाताओं में दिख रहा उत्साह: विनोद सिंह गुंजियाल

Shreyas Iyer Injury: अय्यर का ऑक्सीजन लेवल आ गया था 50 के नीचे, क्या फिर से बिगड़ी तबीयत, अफ्रीका के खिलाफ खेलेंगे या नहीं?

200 kg से ज्यादा था शाहरुख का वजन, उठ नहीं पाता था, 1 तरीके घटाया 130 kg, पूरी दुनिया पूछ रही सीक्रेट

फिलीपींस ने चीनी एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान की ओर मोड़ा ब्रह्मोस मिसाइल का मुंह, दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन पर चलेगा भारतीय ब्रह्मास्त्र?




