शिमला: हिमाचल प्रदेश के दो सगे भाइयों की अनोखी शादी की चर्चा पूरे देश में हुई थी। क्योंकि सिरमौर जिले के दो सगे भाइयों प्रदीप और कपिल नेगी ने एक ही युवती सुनीता चौहान से शादी की, जो कि 'जोड़ीदार प्रथा' की मान्यता के तहत उन्होंने की। चूंकि दोनों भाइयों ने मर्जी से शादी की थी और वे जिंदगी से खुश थे। बीते दिनों उनके घर में बड़ी अनहोनी हुई है। इसकी जानकारी उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर दी है। इस पर लोग बड़ी संख्या में कमेंट कर रहे हैं। आइए जानते हैं जोड़ीदार प्रथा के तहत शादी करने वाले भाइयों के घर असल में क्या अनहोनी हुई?
जोड़ीदार भाइयों के घर क्या हुआ?
एक ही युवती सुनीता से शादी करने वाले दो सगे भाइयों प्रदीप और कपिल नेगी के पिता का निधन हो गया है। दोनों भाइयों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके यह जानकारी दी। उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए बताया कि उनके जाने से उनका जीवन कितना बदल गया है। उनके पिता उनके लिए शक्ति और सहारे का स्रोत थे। उन्होंने लिखा, पापा, आपके जाने के बाद जिंदगी वैसी नहीं रही जैसी पहले थी। आप मेरे लिए सिर्फ पिता नहीं थे, बल्कि मेरी ताकत, मेरा सहारा और मेरी दुनिया थे। आज भी जब मुश्किलें आती हैं तो आपकी यादों से हिम्मत जुटाता हूं। आपके बिना घर सूना लगता है और दिल अधूरा।
सोशल मीडिया पोस्ट में क्या कहा?
उन्होंने आगे लिखा कि आपने हमें सिखाया कि कैसे सच्चाई और ईमानदारी से जीवन जीना है, कैसे हालात चाहे जैसे भी हों, हिम्मत कभी नहीं हारनी चाहिए। पापा, आपकी वो हर बात आज मेरे लिए रास्ता दिखाने वाली रोशनी बन गई है। उन्होंने यह भी कहा कि आप चले गए, लेकिन आपका आशीर्वाद और आपकी दुआएं हमेशा मेरे साथ हैं। मैं जानता हूं कि ऊपर से आप हमें देख रहे हो और हमारी हर खुशी-दुख में हमारे साथ खड़े हो। अंत में उन्होंने लिखा कि पापा, आप मेरी धड़कनों में हो, मेरी सांसों में हो और हमेशा रहोगे। Miss you Papa। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और लोग भाइयों के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही उनके पिता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
कब हुई थी दोनों भाइयों की शादी?
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र में यह शादी 12, 13 और 14 जुलाई को हुई। इस शादी की चर्चा हिमाचल सहित पूरे देश में हुई। संयुक्त परिवार और जमीन के बंटवारे से बचने के लिए भाइयों ने यह कदम उठाया। दुल्हन सुनीता ने बताया था कि यह उनका अपना फैसला था और उन पर कोई दबाव नहीं था। शादी के आखिरी दिन दोनों दूल्हे अपनी दुल्हन के साथ मंच पर दिखे थे। शादी में परिवार और गांव के कई लोग शामिल हुए और तीन दिनों तक शादी में खूब नाच-गाना हुआ और वीडियो भी बनाए गए थे।
किस प्रथा के चलते हुई शादी
पहले सिरमौर और उत्तराखंड के जौनसार-बावर इलाके में ऐसा होता था कि एक औरत कई आदमियों से शादी करती थी। इस रिवाज में दो या दो से ज्यादा भाई एक ही लड़की से शादी करते थे। लेकिन अब यह रिवाज लगभग खत्म हो गया है। 1970 और 1980 के दशक के बाद ऐसी शादियां बहुत कम देखने को मिली। इस नई शादी ने एक बार फिर इस पुरानी परंपरा को याद दिला दिया। लोग कहते हैं कि यह परंपरा पांडवों के समय से चली आ रही है। द्रौपदी ने पांच पांडवों से शादी की थी, यह कहानी बहुत मशहूर है।
जोड़ीदार भाइयों के घर क्या हुआ?
एक ही युवती सुनीता से शादी करने वाले दो सगे भाइयों प्रदीप और कपिल नेगी के पिता का निधन हो गया है। दोनों भाइयों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके यह जानकारी दी। उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए बताया कि उनके जाने से उनका जीवन कितना बदल गया है। उनके पिता उनके लिए शक्ति और सहारे का स्रोत थे। उन्होंने लिखा, पापा, आपके जाने के बाद जिंदगी वैसी नहीं रही जैसी पहले थी। आप मेरे लिए सिर्फ पिता नहीं थे, बल्कि मेरी ताकत, मेरा सहारा और मेरी दुनिया थे। आज भी जब मुश्किलें आती हैं तो आपकी यादों से हिम्मत जुटाता हूं। आपके बिना घर सूना लगता है और दिल अधूरा।
सोशल मीडिया पोस्ट में क्या कहा?
उन्होंने आगे लिखा कि आपने हमें सिखाया कि कैसे सच्चाई और ईमानदारी से जीवन जीना है, कैसे हालात चाहे जैसे भी हों, हिम्मत कभी नहीं हारनी चाहिए। पापा, आपकी वो हर बात आज मेरे लिए रास्ता दिखाने वाली रोशनी बन गई है। उन्होंने यह भी कहा कि आप चले गए, लेकिन आपका आशीर्वाद और आपकी दुआएं हमेशा मेरे साथ हैं। मैं जानता हूं कि ऊपर से आप हमें देख रहे हो और हमारी हर खुशी-दुख में हमारे साथ खड़े हो। अंत में उन्होंने लिखा कि पापा, आप मेरी धड़कनों में हो, मेरी सांसों में हो और हमेशा रहोगे। Miss you Papa। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और लोग भाइयों के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही उनके पिता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
कब हुई थी दोनों भाइयों की शादी?
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र में यह शादी 12, 13 और 14 जुलाई को हुई। इस शादी की चर्चा हिमाचल सहित पूरे देश में हुई। संयुक्त परिवार और जमीन के बंटवारे से बचने के लिए भाइयों ने यह कदम उठाया। दुल्हन सुनीता ने बताया था कि यह उनका अपना फैसला था और उन पर कोई दबाव नहीं था। शादी के आखिरी दिन दोनों दूल्हे अपनी दुल्हन के साथ मंच पर दिखे थे। शादी में परिवार और गांव के कई लोग शामिल हुए और तीन दिनों तक शादी में खूब नाच-गाना हुआ और वीडियो भी बनाए गए थे।
किस प्रथा के चलते हुई शादी
पहले सिरमौर और उत्तराखंड के जौनसार-बावर इलाके में ऐसा होता था कि एक औरत कई आदमियों से शादी करती थी। इस रिवाज में दो या दो से ज्यादा भाई एक ही लड़की से शादी करते थे। लेकिन अब यह रिवाज लगभग खत्म हो गया है। 1970 और 1980 के दशक के बाद ऐसी शादियां बहुत कम देखने को मिली। इस नई शादी ने एक बार फिर इस पुरानी परंपरा को याद दिला दिया। लोग कहते हैं कि यह परंपरा पांडवों के समय से चली आ रही है। द्रौपदी ने पांच पांडवों से शादी की थी, यह कहानी बहुत मशहूर है।
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