चंडीगढ़ : वोट चोरी के आरोपों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की सीरीज में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां की गईं। फर्जी वोटर के नाम जोड़े गए और कांग्रेस समर्थकों को वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया गया। राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव के बाद कांग्रेस के उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत की थी। उन्होंने हरियाणा की सात सीटों का नाम लिया। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि करनाल, रेवाड़ी, पानीपत शहर, होडल, कालका और नूंह में धांधली के कारण कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई थी।
1991 में आखिरी बार नूंह में कांग्रेस जीती थी
राहुल गांधी ने जिन सात विधानसभा सीटों के नाम लिए, उनमें से 6 पर बीजेपी की जीत हुई थी। हार का अंतर 610 वोटों से लेकर 35,672 वोटों तक था। सातवीं सीट डबवाली पर आईएनएलडी ने कांग्रेस उम्मीदवार को 610 वोटों से हराया था। राहुल गांधी ने नूंह का जिक्र किया, जहां से 2024 में बीजेपी के ओमप्रकाश यादव जीते थे। उन्होंने कांग्रेस के राव नरेंद्र सिंह को 17,171 वोटों से हराया था। कुलदीप बिश्नोई के करीबी ओम प्रकाश यादव ने 2014 और 2019 में भी नूंह से जीत चुके हैं। कांग्रेस ने आखिरी बार नूंह सीट 1991 में जीती थी। कांग्रेस उम्मीदवार नरेंद्र सिंह पिछले दो चुनावों में भी नूंह से हार चुके थे और तीसरे स्थान पर रहे थे।
करनाल सीट तो खट्टर का इलाका है
करनाल विधानसभा सीट से 2014 और 2019 में बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर विधायक चुने गए। खट्टर के इस्तीफे के बाद उपचुनाव में नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस के तरलोचन सिंह को हराकर जीत हासिल की थी। 2024 के विधानसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी लाडवा से चुने गए जबकि करनाल से मनोहर लाल के दूसरे करीबी जगमोहन आनंद को टिकट दिया। आनंद ने कांग्रेस की सुमिता विर्क को 33,652 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। कांग्रेस ने आखिरी बार करनाल सीट 2009 में जीती थी, जब उनकी 2004 की विजेता सुमिता सिंह ने सीट बरकरार रखी थी।
डबवाली में आईएनएलडी से हारी कांग्रेस
डबवाली में कई पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला था। इस सीट पर देवी लाल के पोते और आईएनएलडी उम्मीदवार आदित्य चौटाला ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस विधायक अमित सिहाग को मात्र 610 वोटों से हराया। यहां जेजेपी के दिग्विजय चौटाला भी उम्मीदवार थे, जो तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन उन्हें 35,261 वोट मिले थे। 2024 में होडल सुरक्षित सीट से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान को हार का सामना करना पड़ा था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले उदयभान को बीजेपी के हरेंद्र सिंह से 2,595 वोटों से हार गए थे। 2019 में भी उदय भान को बीजेपी के जगदीश नायर ने हराया था।
कालका में तो पुराने कांग्रेसी ने ही हराया
कालका सीट पर बीजेपी की शक्ति रानी शर्मा ने कांग्रेस के प्रदीप चौधरी को 10,883 वोटों से हराया था। शक्तिरानी शर्मा पूर्व कांग्रेस नेता विनोद शर्मा की पत्नी हैं। 2019 में यह सीट कांग्रेस के खाते में थी। तब वहां से प्रदीप चौधरी ने बीजेपी की लतिका शर्मा को 5,931 वोटों से हराया था। पानीपत शहर सीट पर बीजेपी के मौजूदा विधायक प्रमोद कुमार विज ने 35,672 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के वरेंद्र कुमार शाह को हराया था। प्रमोद कुमार ने 2019 पानीपत शहर से जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने आखिरी बार यह सीट 2009 में जीती थी।
गढ़ में भी बेटे को जिता नहीं पाए अजय यादव
कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव के गढ़ रेवाड़ी सीट पर उनके बेटे चिरंजीव राव को हार का सामना करना पड़ा। लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव को बीजेपी के लक्ष्मण सिंह यादव ने 28,769 वोटों से हराया था। 2019 में चिरंजीव विधायक चुने गए थे। 2014 में यह सीट बीजेपी के रणधीर सिंह कापड़ीवास ने इनेलो के सतीश यादव को हराकर जीता था।
1991 में आखिरी बार नूंह में कांग्रेस जीती थी
राहुल गांधी ने जिन सात विधानसभा सीटों के नाम लिए, उनमें से 6 पर बीजेपी की जीत हुई थी। हार का अंतर 610 वोटों से लेकर 35,672 वोटों तक था। सातवीं सीट डबवाली पर आईएनएलडी ने कांग्रेस उम्मीदवार को 610 वोटों से हराया था। राहुल गांधी ने नूंह का जिक्र किया, जहां से 2024 में बीजेपी के ओमप्रकाश यादव जीते थे। उन्होंने कांग्रेस के राव नरेंद्र सिंह को 17,171 वोटों से हराया था। कुलदीप बिश्नोई के करीबी ओम प्रकाश यादव ने 2014 और 2019 में भी नूंह से जीत चुके हैं। कांग्रेस ने आखिरी बार नूंह सीट 1991 में जीती थी। कांग्रेस उम्मीदवार नरेंद्र सिंह पिछले दो चुनावों में भी नूंह से हार चुके थे और तीसरे स्थान पर रहे थे।
करनाल सीट तो खट्टर का इलाका है
करनाल विधानसभा सीट से 2014 और 2019 में बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर विधायक चुने गए। खट्टर के इस्तीफे के बाद उपचुनाव में नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस के तरलोचन सिंह को हराकर जीत हासिल की थी। 2024 के विधानसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी लाडवा से चुने गए जबकि करनाल से मनोहर लाल के दूसरे करीबी जगमोहन आनंद को टिकट दिया। आनंद ने कांग्रेस की सुमिता विर्क को 33,652 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। कांग्रेस ने आखिरी बार करनाल सीट 2009 में जीती थी, जब उनकी 2004 की विजेता सुमिता सिंह ने सीट बरकरार रखी थी।
डबवाली में आईएनएलडी से हारी कांग्रेस
डबवाली में कई पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला था। इस सीट पर देवी लाल के पोते और आईएनएलडी उम्मीदवार आदित्य चौटाला ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस विधायक अमित सिहाग को मात्र 610 वोटों से हराया। यहां जेजेपी के दिग्विजय चौटाला भी उम्मीदवार थे, जो तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन उन्हें 35,261 वोट मिले थे। 2024 में होडल सुरक्षित सीट से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान को हार का सामना करना पड़ा था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले उदयभान को बीजेपी के हरेंद्र सिंह से 2,595 वोटों से हार गए थे। 2019 में भी उदय भान को बीजेपी के जगदीश नायर ने हराया था।
कालका में तो पुराने कांग्रेसी ने ही हराया
कालका सीट पर बीजेपी की शक्ति रानी शर्मा ने कांग्रेस के प्रदीप चौधरी को 10,883 वोटों से हराया था। शक्तिरानी शर्मा पूर्व कांग्रेस नेता विनोद शर्मा की पत्नी हैं। 2019 में यह सीट कांग्रेस के खाते में थी। तब वहां से प्रदीप चौधरी ने बीजेपी की लतिका शर्मा को 5,931 वोटों से हराया था। पानीपत शहर सीट पर बीजेपी के मौजूदा विधायक प्रमोद कुमार विज ने 35,672 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के वरेंद्र कुमार शाह को हराया था। प्रमोद कुमार ने 2019 पानीपत शहर से जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने आखिरी बार यह सीट 2009 में जीती थी।
गढ़ में भी बेटे को जिता नहीं पाए अजय यादव
कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव के गढ़ रेवाड़ी सीट पर उनके बेटे चिरंजीव राव को हार का सामना करना पड़ा। लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव को बीजेपी के लक्ष्मण सिंह यादव ने 28,769 वोटों से हराया था। 2019 में चिरंजीव विधायक चुने गए थे। 2014 में यह सीट बीजेपी के रणधीर सिंह कापड़ीवास ने इनेलो के सतीश यादव को हराकर जीता था।
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