गया: इमामगंज विधानसभा क्षेत्र की 'हम' (HAM) पार्टी की उम्मीदवार दीपा मांझी के नाम का पोस्टर लगी पिकअप गाड़ी से शराब की तस्करी के मामले में पुलिस ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई गया जिले के गुरारू थाना क्षेत्र में हुई है।
दीपा मांझी के पोस्टर लगी गाड़ी में शराब का राज खुला
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आमस थाना क्षेत्र के छोटकी साव बगला पर निवासी साकेत कुमार और राहुल दास के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, साकेत कुमार पर पहले से ही शराब तस्करी का एक मामला दर्ज है।
पुलिस से बचने के लिए लगाया था दीपा मांझी का पोस्टर
एसडीपीओ (SDPO) सुशांत कुमार चंचल ने प्रेस वार्ता में बताया कि तस्करों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे चुनाव प्रचार के लिए लगे बैनर का उपयोग पुलिस की चेकिंग से बचने के लिए कर रहे थे। उन्होंने माना कि प्रत्याशी का बैनर लगाने का उद्देश्य शराब की तस्करी के दौरान पुलिस की जांच से बचना था। गुरारू के बगडीहा रेलवे गुमटी के पास से पुलिस ने पोस्टर लगी इस पिकअप गाड़ी से 17 कार्टन शराब बरामद की थी।
प्रत्याशी का नहीं है कोई संबंध
एसडीपीओ ने स्पष्ट किया कि जब्त की गई पिकअप में लगे पोस्टर और बरामद शराब से 'हम' की उम्मीदवार दीपा मांझी का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने निर्वाची अधिकारी से लिखित सूचना भी प्राप्त की है, जिसमें यह पुष्टि हुई है कि शराब के साथ पकड़ी गई गाड़ी के लिए चुनाव प्रचार का कोई परमिट जारी नहीं किया गया था। इस मामले में किसी भी राजनीतिक दल का कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है।
SP ने किया था SIT का गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी आनंद कुमार ने एक एसआईटी (SIT) का गठन किया था, जिसके बाद पिकअप के नंबर के आधार पर पुलिस तस्करों तक पहुंची। पुलिस ने शराब तस्करी के इस रैकेट में शामिल अन्य दो तस्करों को भी चिन्हित कर लिया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा, पुलिस उस वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों पर भी कार्रवाई करेगी, जो पिकअप से शराब उतारकर ले जाते हुए दिखाई दिए थे। पुलिस उन लोगों की पहचान कर रही है।
दीपा मांझी के पोस्टर लगी गाड़ी में शराब का राज खुला
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आमस थाना क्षेत्र के छोटकी साव बगला पर निवासी साकेत कुमार और राहुल दास के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, साकेत कुमार पर पहले से ही शराब तस्करी का एक मामला दर्ज है।
पुलिस से बचने के लिए लगाया था दीपा मांझी का पोस्टर
एसडीपीओ (SDPO) सुशांत कुमार चंचल ने प्रेस वार्ता में बताया कि तस्करों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे चुनाव प्रचार के लिए लगे बैनर का उपयोग पुलिस की चेकिंग से बचने के लिए कर रहे थे। उन्होंने माना कि प्रत्याशी का बैनर लगाने का उद्देश्य शराब की तस्करी के दौरान पुलिस की जांच से बचना था। गुरारू के बगडीहा रेलवे गुमटी के पास से पुलिस ने पोस्टर लगी इस पिकअप गाड़ी से 17 कार्टन शराब बरामद की थी।
प्रत्याशी का नहीं है कोई संबंध
एसडीपीओ ने स्पष्ट किया कि जब्त की गई पिकअप में लगे पोस्टर और बरामद शराब से 'हम' की उम्मीदवार दीपा मांझी का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने निर्वाची अधिकारी से लिखित सूचना भी प्राप्त की है, जिसमें यह पुष्टि हुई है कि शराब के साथ पकड़ी गई गाड़ी के लिए चुनाव प्रचार का कोई परमिट जारी नहीं किया गया था। इस मामले में किसी भी राजनीतिक दल का कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है।
SP ने किया था SIT का गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी आनंद कुमार ने एक एसआईटी (SIT) का गठन किया था, जिसके बाद पिकअप के नंबर के आधार पर पुलिस तस्करों तक पहुंची। पुलिस ने शराब तस्करी के इस रैकेट में शामिल अन्य दो तस्करों को भी चिन्हित कर लिया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा, पुलिस उस वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों पर भी कार्रवाई करेगी, जो पिकअप से शराब उतारकर ले जाते हुए दिखाई दिए थे। पुलिस उन लोगों की पहचान कर रही है।
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