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अगले हफ्ते अल्जीरिया जाएंगे आर्मी चीफ, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला विदेशी दौरा

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नई दिल्ली: इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी अगले हफ्ते अल्जीरिया जाएंगे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह आर्मी चीफ का पहला विदेशी दौरा होगा। अल्जीरिया की मगरेब क्षेत्र में अहम सामरिक स्थिति है और अफ्रीकी क्षेत्र में स्ट्रेटजिक मौजूदगी बढ़ाने के लिए यह भारत के लिए अहम है।



इस विषय पर करेंगे चर्चा

इस यात्रा का मुख्य मकसद डिफेंस कोऑपरेशन (रक्षा सहयोग) है। आर्मी चीफ अल्जीरिया के साथ मिलिट्री टू मिलिट्री संबंध मजबूत करने, ट्रेनिंग कार्यक्रमों का विस्तार करने और कैपेबिलिटी डिवेलपमेंट पर चर्चा करेंगे।



मदद कर सकता है भारत

भारत और अल्जीरिया के पास ज्यादातर मिलिट्री इक्विपमेंट्स और तकनीक एक जैसी है। भारत उन्हें अपने एक्सपीरियंस से ट्रेनिंग और मेंटेनेंस में मदद कर सकता है। आर्मी चीफ की इस यात्रा के दौरान रक्षा तकनीक में सहयोग बढ़ाने पर भी बात होगा साथ ही दोनों देश रक्षा उद्योग, आधुनिकीकरण, लॉजिस्टिक्स और उपकरण सहयोग के मौके भी तलाशेंगे।



जीरो टॉलरेंस की नीति को साझा करेंगे

जनरल द्विवेदी भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति भी साझा करेंगे और क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे। इससे दोनों सेनाओं के बीच विश्वास, तालमेल और व्यावहारिक सहयोग बढ़ने की उम्मीद है।



अल्जीरिया क्यों है अहम

भारत अल्जीरिया को अफ्रीका और भूमध्यसागर क्षेत्र से जुड़ने में एक स्वाभाविक साझेदार मानता है। अल्जीरिया की रणनीतिक स्थिति, सहेल क्षेत्र में सुरक्षा की भूमिका, तेल-गैस और खनिज संसाधनों के कारण यह यह इस क्षेत्र में अहम देश है। इसकी आधुनिक और मजबूत सेना इसे क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने में अहम बनाती है। अल्जीरिया मगरेब–सहेल क्षेत्र का मुख्य देश तो है ही साथ ही अफ्रीकी संघ और गुटनिरपेक्ष ट्रेडिशन में इसकी मजबूत स्थिति है।



इससे पहले सीडीएस चौहान गए थे अल्जीरिया

सीडीएस जनरल अनिल चौहान पिछले साल अल्जीरिया गए थे जहां उन्होंने अल्जीरियाई पीपुल्स नेशनल आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल सईद चानेग्रिहा के साथ एक ऐतिहासिक रक्षा सहयोग समझौता ज्ञा पन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। अल्जीरिया मगरेब क्षेत्र में एक अहम सामरिक स्थिति रखता है।



अल्जीरिया के पास है हाइड्रोकार्बन भंडार

अल्जीरिया के पास विशाल हाइड्रोकार्बन भंडार हैं, ये भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अहम हैं। भारत अपने ऊर्जा आयात में विविधता लाने के लिए अल्जीरिया के साथ सहयोग बढ़ा सकता है। साथ ही क्षेत्रीय अस्थिरता और सुरक्षा खतरों को देखते हुए भारत और अल्जीरिया आतंकवाद के खिलाफ पहल और खुफिया जानकारी साझा करने में सहयोग कर सकते हैं।



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